घरेलू इस्पात कंपनियों के शेयर चीन से सकारात्मक आर्थिक आंकड़े, सुधरती प्राप्तियों और कंपनियों द्वारा दर्ज मजबूत बिक्री की वजह से मजबूत बने हुए हैं। मार्च-अप्रैल के निचले स्तरों से आई मजबूत तेजी के बाद टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, जिंदल स्टील ऐंड पावर (जेएसपीएल) और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के शेयर 24 सितंबर 2020 के अपने ताजा निचले स्तरों से 26 प्रतिशत तक चढ़ चुके हैं। विश्लेषकों का सुझाव है कि फिलहाल तेजी की और अधिक गुंजाइश बची हुई है।
चीन का सितंबर का आंकड़ा उत्साहजनक बना हुआ है, क्योंकि इसमें लौह अयस्क आयात में सालाना आधार पर 9 प्रतिशत की तेजी दिखाई गई है, जबकि इस्पात निर्यात में सालाना आधार पर 28 प्रतिशत की कमी आई है। रॉयटर्स की रिपोर्टों से भी संकेत मिलता है कि चीन से उत्पादन उसके इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में बढ़ी मांग से सुधरा है। कुछ हद तक इसे बाजार से भी मदद मिली है, क्योंकि अक्टूबर के शुरू में नैशनल डे गोल्डन वीक की छुटि्टयों की वजह से चीन में मांग को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि चीन की अर्थव्यवस्था सितंबर तिमाही में 4.9 प्रतिशत तक बढ़ी। हालांकि विश्लेषक इन छुटि्टयों के बाद अल्पावधि चीनी मांग पर नजर रखे हुए हैं और उनका मानना है कि जाड़े के मौसम में उत्पादन कटौती वैश्विक इस्पात कीमतों के लिए मददगार हो सकती है और इससे चीन से निर्यात निचले स्तरों पर बना रह सकता है।
इस बीच, विश्लेषकों के विश्लेषणों से प्राप्त ताजा आंकड़े से संकेत मिलता है कि घरेलू हॉट रोल्ड कोइल (एचआरसी) कीमतें लगातार सात सप्ताहों से बढ़कर 43,528 रुपये प्रति टन पर पहुुंच गई हैं, जो दिसंबर 2018 से सर्वाधिक स्तर है। चूंकि इससे घरेलू इस्पात कंपनियों के मुनाफे में सुधार आ सकता है, क्योंकि इस्पात निर्माताओं द्वारा मजबूत बिक्री वृद्घि दर्ज की है। इससे इस्पात उठाव में भी सुधार आया है। इस्पात उठाव को फ्लैट यानी सपाट इस्पात सेगमेंट से मदद मिली है जिसका इस्तेमाल व्हाइट गुड्स और वाहन निर्माण में किया जाता है। वहीं लॉन्ग स्टील उत्पादों में भी तेजी आ सकती है, क्योंकि मॉनसून सीजन समाप्त हो गया है और निर्माण गतिविधियां बहाल हो रही हैं। विश्लेषकों ने कहा कि घरेलू इस्पात उत्पादकों ने उचित क्षमता इस्तेमाल को ध्यान में रखकर उत्पादन बढ़ाया है, और संपूर्ण मांग रुझान भी सकारात्मक बना हुआ है।
मजबूत बैलेंस शीट वाली बड़ी कंपनियों द्वारा छोटी के मुकाबले ज्यादा लाभ मिलने की संभावना है। केयर रेटिंग्स का कहना है कि प्रमुख पांच समेकित इस्पात कंपनियों का कुल इस्पात उत्पादन में 60 प्रतिशत योगदान है और वे पहली छमाही के दौरान बाजार भागीदारी बढ़ाने में सक्षम रहीं।
इस्पात क्षेत्र की कंपनियों में, जेएसपीएल ज्यादातर विश्लेषकों का पसंदीदा शेयर है। जेएसपीएल ने सितंबर तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 36 प्रतिशत की मजबूत बिक्री वृद्घि दर्ज की। चूंकि कंपनी की क्षमता विस्तार परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, इसलिए परिचालन दक्षता का लाभ भी मिलने की संभावना है। मॉनसून सीजन की समाप्ति और निर्माण गतिविधियों में तेजी से जेएसपीएल को ज्यादा मदद मिलने की संभावना है, क्योंकि उसके पोर्टफोलियो में लॉन्ग श्रेणी के उत्पादों का 70 प्रतिशत योगदान है। यह मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज का पसंदीदा शेयर बना हुआ है और ब्रोकरेज फर्म ने वित्त वर्ष 2020-22 के दौरान प्रमुख एबिटा में 16 प्रतिशत की सालाना वृद्घि का अनुमान जताया है और उसके ओमान व्यवसाय के विनिवेश से समेकित आधार पर शुद्घ कर्ज 37 प्रतिशत घटकर 23,900 करोड़ रुपये रह जाने की उम्मीद जताई है। विश्लेषकों का कहना है कि निर्माण गतिविधियों में तेजी से सेल को भी मदद मिलने की संभावना है, क्योंकि उसका पोर्टफोलियो लॉन्ग श्रेणी के उत्पादों से जुड़ा हुआ है, लेकिन उसका ऊंचा कर्ज बोझ चिंताजनक बना हुआ है।
इस बीच, टाटा स्टील और जेएसडब्ल्यू स्टील ने भी इस्तेमाल स्तरों में अच्छा सुधार दर्ज किया है और वे सितंबर तिमाही के अंत तक 100 प्रतिशत तथा 86 प्रतिशत की क्षमता पर परिचालन कर रही थीं। जहां जेएसडब्ल्यू स्टील को ऊंची इस्पात कीमतों का भी लाभ मिलेगा, वहीं उसे इस पर ध्यान देने की जरूरत होगी कि लौह अयस्क कीमतों में तेजी के परिवेश में वह मुनाफे का प्रबंधन कैसे करती है।
