भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) नए दौर की तकनीकी कंपनियों के अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में कीमतें तय करने पर उनसे ज्यादा स्पष्टीकरण और पारदर्शिता हासिल करना चाहता है। बाजार नियामक की तरफ से एक विमर्श पत्र में रखे गए प्रस्तावों को मंजूरी मिली तो कंपनियों को इस बारे में ज्यादा विस्तृत स्पष्टीकरण देना होगा कि उन्होंने अपने निर्गम की कीमत कैसे तय की, इसकी आईपीओ से पहले की शेयर बिक्री से तुलना करनी होगी और आईपीओ से पहले सभी निवेशकों के समक्ष प्रस्तुति का खुलासा करना होगा।
यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है, जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख के बीच ऐसी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ रही है। हाल के सप्ताहों के दौरान नए जमाने की तकनीकी कंपनियों के शेयर अपने सर्वोच्च स्तरों से औसतन 50 फीसदी टूटे हैं। बाजार नियामक का कहना है कि परंपरागत कंपनियां अपने आईपीओ की कीमत के आधार को तर्कसंगत साबित करने के लिए प्राइस टू अर्निंग (पी/ई) गुणक, प्रति शेयर आमदनी (ईपीएस) और प्रतिफल अनुपात जैसे मानकों का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन इन मानकों को नए दौर की कंपनियों पर लागू नहीं किया जा सकता है क्योंकि उनमें से ज्यादातर घाटे में चल रही हैं।
इसके नतीजतन नियामक का मानना है कि ऑफर दस्तावेज में ‘निर्गम कीमत के आधार’ के तहत खुलासों के साथ गैर-परंपरागत मानकों एवं अन्य प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) का भी खुलासा किया जाना चाहिए। यह मुद्दा इसलिए अहम है क्योंकि हाल में लाभ के बिना किसी टै्रक रिकॉर्ड वाली कंपनियों के आईपीओ के लिए आवेदनों में बढ़ोतरी हुई है। उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि केपीआई में ग्राहक बढ़ोतरी, बाजार हिस्सेदारी और लंबी अवधि की वृद्धि के लक्ष्यों जैसे मानक शामिल हो सकते हैं। यह प्रस्ताव रखा गया है कि स्टार्टअप अपने आईपीओ दस्तावेज में निजी निवेशकों के समक्ष अपनी प्रस्तुतियों का भी खुलासा करें।
सेबी ने प्रस्ताव रखा, ‘आईपीओ से पहले तीन साल के दौरान प्री-आईपीओ निवेशकों के समक्ष पेश अहम केपीआई का खुलासा किया जाए। इस बारे में स्पष्टीकरण दिया जाए कि ये केपीआई निर्गम कीमत का आधार बनाने में कैसे योगदान देते हैं।’ नियामक ने कहा है कि सभी केपीआई को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए और ये भ्रामक नहीं होने चाहिए। इसके अलावा केपीआई का वैधानिक ऑडिटर से प्रमाणन की जरूरत होगी। जहां संभव होगा, वहां केपीआई का घरेलू और वैश्विक बाजार की सूचीबद्ध समकक्ष कंपनियों से तुलना की जाएगी।
