इस साल अब तक के लिहाज से निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 17 फीसदी टूट चुका है जबकि बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक हरे निशान में लौट आए हैं। विश्लेषकों ने कहा, आय अनुमान में तीव्र कटौती और अनिश्चित परिदृश्य ने इस साल के निचले स्तर से छोटी कंपनियों के शेयरों में सुधार मुश्किल बना दिया है।
बोफा सिक्योरिटीज की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 23 व वित्त वर्ष 24 के लिए निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स के आय अनुमान में इस साल क्रमश: 7 फीसदी व 1 फीसदी की कटौती की गई है। इसकी तुलना में वित्त वर्ष 23 व वित्त वर्ष 24 के लिए निफ्टी मिडकैप के आय अनुमान में क्रमश: 5 फीसदी व 8.7 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
वैश्विक स्तर पर जोखिम के बीच इस साल जून में निफ्टी साल के उच्चस्तर से 16.5 फीसदी तक टूटा। मिडकैप व स्मॉलकैप में यह गिरावट और भी ज्यादा रही और ये दोनों क्रमश: 21 फीसदी व 33 फीसदी तक नीचे आ गए। हालिया उच्चस्तर से 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट को मंदी का बाजार माना जाता है। निफ्टी और निफ्टी मिडकैप इंडेक्स हालांकि अपने नुकसान की भरपाई में कामयाब रहे, लेकिन स्मॉलकैप की स्थिति खराब है।
आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए. के. प्रभाकर ने कहा, लार्जकैप फर्मों की बाजार हिस्सेदारी बड़ी है और मिडकैप में क्षेत्र की दूसरी व तीसरी सबसे बड़ी कंपनियां होंगी। स्मॉलकैप में वैसी कंपनियां होंगी जो नुकसान में हैं या उनकी बाजार हिस्सेदारी ज्यादा नहीं है। उच्च महंगाई, जिंसों की ज्यादा कीमतें और कच्चे माल की लागत बढ़ गई है। बड़ी कंपनियों के मामले में कच्चे माल की ऊंची लागत का भार छोटी-छोटी कीमत बढ़ोतरी के जरिए डाला जा सकता है क्योंकि उनके पास उत्पादन बढ़ोतरी के जरिए लागत में बचत की गुंजाइश होती है। इसके अतिरिक्त स्मॉलकैप के साथ वैसे खुदरा निवेशक जुड़े होते हैं जो आक्रामक निवेशक नहीं होते। अब विदेशी फंड मोटे तौर पर लार्जकैप या चुनिंदा मिडकैप में निवेश करते हैं।
आय अनुमान में कटौती के बावजूद बाजार स्मॉलकैप की आय में खासी बढ़त की उम्मीद कर रहा है। स्मॉलकैप के ईपीएस में वित्त वर्ष 23 व वित्त वर्ष 24 के लिए क्रमश: 36 फीसदी व 24 फीसदी बढ़त का अनुमान है। इसकी तुलना में निफ्टी व निफ्टी मिडकैप के लिए वित्त वर्ष 23 व वित्त वर्ष 24 में क्रमश: 15 व 16 फीसदी और 19 व 27 फीसदी बढ़त का अनुमान है।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, लार्जकैप में पूरी तरह से सुधार हो चुका है और कई क्षेत्रों में मूल्यांकन को लेकर उतनी सहजता नहीं है जितनी लार्जकैप में है। लेकिन अभी भी लार्जकैप व मिडकैप के साथ ही बने रहना बेहतर होगा। मेरा मानना है कि स्मॉलकैप के लिए 10 से 20 फीसदी आवंटन, मिडकैप के लिए 30 से 40 फीसदी आवंटन और बाकी निफ्टी स्टॉक के लिए होना चाहिए जब तक कि वैश्विक अवरोध पर स्पष्टता सामने न आ जाए। अगर स्मॉलकैप में हमारा भारी निवेश है और चीजें पटरी पर नहीं हैं तो स्मॉलकैप से रातोरात निकलना मुश्किल है।