पिछले साल की चौथी तिमाही में व्यक्तिगत निवेशक सत्यम कंप्यूटर सर्विसेस के शेयर के साथ रहे हैं।
इस तरह के रीटेल निवेशकों ने इस दौरान इस कंपनी के शेयरों की खरीदारी की है जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों, म्युचुअल फंडों और इंश्योरेंस कंपनियों ने हैदराबाद की इस कंपनी के संस्थापक रामलिंगराजू के घोटाले के बाद इस स्टॉक में अपनी होल्डिंग कम कर दी है।
इस दौरान एक लाख से कम की होल्डिंग रखने वाले निवेशकों की हिस्सेदारी 31 मार्च 2009 को खत्म हुई तिमाही में बढ़कर 35.04 फीसदी हो गई। जबकि 31 दिसंबर 2008 को खत्म हुई तिमाही में यह हिस्सेदारी 12.39 फीसदी की थी। शेयर होल्डिंग पैटर्न की यह जानकारी कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई है। इस कंपनी का मालिकाना हक अब टेक महिन्द्रा के पास है।
कंपनी में व्यक्तिगत शेयरधारकों की कुल होल्डिंग, जिसमें एक लाख से ज्यादा होल्डिंग वाले निवेशक भी शामिल हैं, बढ़कर 37.47 फीसदी हो गई है। जबकि तीसरी तिमाही में यह हिस्सेदारी केवल 12.99 फीसदी की थी। दूसरी ओर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इस दौरान सत्यम में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 15.67 फीसदी कर दी है जबकि दिसंबर 2008 को खत्म हुई तिमाही में यह 44.82 फीसदी थी।
विदेशी संस्थागत निवेशकों के अलावा विदेशों में रह रहे निवेशकों ने भी इस दौरान कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम की है। कस्टोडियनों के पास जो होल्डिंग रही है और जिन पर डिपॉजिटरी रिसीट जारी की गई हैं वह हिस्सेदारी भी 19.39 फीसदी से गिरकर 13.04 फीसदी पर आ गई है।
अबरदीन असेट मैनेजर्स, स्विस फाइनेंस कार्पोरेशन और लाजार्ड असेट मैनेजमेंट जिनके पास कंपनी की दो फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी थी, उन्होने भी मार्च 2009 तक अपनी हिस्सेदारी घटाकर एक फीसदी से भी कम कर दी है।
हालांकि एल ऐंड टी जो सत्यम के अधिग्रहण की दौड़ में थी उसने एल ऐंड टी कैपिटल के साथ अपनी हिस्सेदारी जनवरी से मार्च 2009 के बीच बढ़ाकर 12.04 फीसदी कर ली। इसके अलावा बीमा कंपनियों की कुल होल्डिंग भी इस दौरान 9.34 फीसदी से गिरकर 4.81 फीसदी रह गई और म्युचुअल फंडों की इस कंपनी में हिस्सेदारी 6.22 फीसदी से कम होकर केवल 0.67 फीसदी रह गई।
