म्युचुअल फंड उद्योग में सबसे अधिक बेचा जाने वाला सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) अब बाजार परिस्थितियों से प्रभावित होता नजर आ रहा है।
इस आशंका से कि प्रतिकूल बाजार परिस्थितियां बनी रहेंगी निवेशक अपने पैसे सिप से निकाल रहे हैं। हालांकि, इसके सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं है लेकिन उद्योग के आकलन के मुताबिक पिछले तीन महीनों में लगभग 2,50,000 सिप खाते बंद किए गए।
एक बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी ने पक्के तौर पर बताया कि पिछले महीने लगभग 15,000 से 20,000 खाते बंद किए गए जबकि कई खातों का नवीकरण निवेशकों ने नहीं करवाया क्योंकि वे बाजार की स्थिति को लेकर सशंकित हैं और जो भी पैसे खाते में पड़े हैं उन्हें लेकर बाहर हो जाना चाहते हैं।
इंडिया इन्फोलाइन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनय शुक्ला ने कहा, ‘हालांकि, कुछ नए खाते सिप के खुल रहे हैं, लेकिन निवेशक परिपक्व खातों का नवीकरण नहीं करवा रहे हैं। नवीकरण में 30 से 40 प्रतिशत की कमी आई है। रद्दीकरण का दौर तब तक जारी रहेगा जब तक बाजार में अस्थिरता का माहौल बरकरार रहता है।’
वर्तमान में म्युचुअल फंड उद्योग में सिप के 35 लाख खाते हैं। पिछले इनकी संख्या 42 लाख थी और इसमें बड़ी तेजी से गिरावट आई है। एक वितरक ने कहा, ‘जब सिप की बात आती है तो निवेश का आकार और उसका रद्दीकरण मायने नहीं रखता है। लोग तो 20,000 रुपये के सिप से भी बाहर होने लगे हैं।’
एक दूसरे वितरक ने कहा, ‘नौकरी के बाजार में अस्थिरता और विभिन्न स्तरों पर वेतनों में की जा रही कटौतियों के कारण कई निवेशक निवेश को जारी रखने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। दस में से चार सिप को रद्द करवाया जा रहा है।’ हालांकि, सिप को रद्द करवाने के इस दौर में यह कहना गलत होगा कि एक योजना के रूप में वे विफल रहे हैं।
एक इक्विटी विशाखित फंड के सिप का प्रतिफल जहां घट कर 21.09 प्रतिशत रहा वहीं इसी फंउ में किए गए एकमुश्त निवेश का प्रतिफल 29.34 प्रतिशत घटा है। इससे स्पष्ट होता है की बाजार की गिरावट का असर सिप निवेशकों पर कम हुआ है।
एक फंड प्रबंधक ने बताया, ‘अधिकांश खुदरा निवेशकों ने बाजार में तेजी के दिनों में अपने सिप की शुरुआत की थी। अब वे इसे रद्द करवा रहे हैं। यह नहीं समझ पा रहे कि वे वास्तव में घाटे के साथ बाहर हो रहे हैं। सिप की शुरुआत का यह समय शायद सबसे अधिक उपयुक्त है। अभी निवेश करने वालों को अपेक्षाकृत अधिक यूनिट मिलेंगे।’
बाजार का सिप पर असर
पिछले एक महीने में लगभग 20,000 सिप खाते हुए बंद
सिप के नवीकरण में 40 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई
पिछले साल सिप खातों की संख्या 42 लाख थी वर्तमान में इसकी संख्या घट कर हो गई है 35 लाख
