जेफरीज में इक्विटी रणनीति के वैश्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड का मानना है कि भारतीय प्रमुख सूचकांकों के ऊंचे मूल्यांकन के बावजूद ऊंची आर्थिक वृद्घि अैर मजबूत आय की मदद सेंसेक्स अगले पांच साल में 100,000 के निशान पर पहुंच सकता है। निफ्टी-50 एक वर्षीय आगामी आय के 20.5 गुना पर कारोबार कर रहा है।
वुड का मानना है कि मजबूत वृद्घि का असर मजबूत आय वृद्घि के बीच बढ़ते आय अनुमानों में दिखा है। उनके अनुसार, भारत रिकॉर्ड बनाने को तैयार दिख रहा है और इस साल शायद एशिया में शानदार आय वृद्घि दर्ज की जा सकती है। वहीं इंडोनेशिया और फिलीपींस आय अनुमानों के संदर्भ में ऊंचाई पर बने हुए हैं।
ग्रीड ऐंड फियर में निवेशकों के लिए अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में वुड ने लिखा है, ‘एमएससीआई इंडिया के लिए आय वृद्घि अनुमान इस साल 20.3 प्रतिशत है, जबकि एशिया एक्स-जापान क्षेत्र के लिए यह 11.3 प्रतिशत था। जहां जेफरीज के भारत स्थित कार्यालय ने 1 अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2023 में निफ्टी के लिए 19.2 प्रतिशत की आय वृद्घि का अनुमान जताया है, जिसके अलावा वित्त वर्ष 2022 में 38 प्रतिशत वृद्घि का अनुमान जताया गया है। यह पिछले साल के सकारात्मक आय संशोधन के बाद है। 2021 में अय अनुमान में 14.4 प्रतिशत तक का संशोधन किया गया था। सेंसेक्स के लिए लक्ष्य अब 100,000 है जो पांच वर्षीय नजरिये से हासिल होने योग्य है जिससे 15 प्रतिशत की ईपीएस वृद्घि का पता चलता है और पांच वर्षीय 19.4 का औसत मल्टीपल बरकरार है। इन अनुमानों के आधार पर वित्त वर्ष 2027 के दौरान या 2026 के अंत में सेंसेक्स 100,000 को छुएगा।’
जहां बाजार में गिरावट आने का अनुमान है, वहीं वुड ने निवेशकों को दीर्घावधि नजरिये से इसे खरीदार के अवसर के तौर पर इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। हालांकि अल्पावधि में भारतीय इक्विटी में जोखिम बढ़ती तेल कीमतों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत कदम से उपजा है। बुनियादी तौर पर, भारतीय बाजार मजबूत बने हुए हैं और मजबूत आर्थिक एवं आय वृद्घि से सेंसेक्स आने वाले वर्षों में ऊंचे स्तरों पर पहुंच सकता है।
वुड का कहना है कि भारत हमेशा से मजबूत मल्टीपल के साथ निवेशकों के लिए भरोसेमंद बाजार रहा है। जी-7 देशों में, आखिर तक फेड ने अन्य यू-टर्न लिया, वहीं उनका मानना है कि भारत वृद्घि-केंद्रित इक्विटी निवेशकों के लिए सुर्खियों में रह सकता है, चाहे वे एशियाई और उभरते बाजार के निवेशक हों या वैश्विक निवेशक।
समान नजरिया मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) के सह-संस्थापक एवं संयुक्त प्रबंध निदेशक रामदेव अग्रवाल द्वारा मई 2021 में साझा किया गया था। उन्होंने सुझाव दिया था कि भारतीय इक्विटी बाजार प्रमुख तेजी के कगार पर थे जिससे बीएसई सेंसेक्स अगले 10 साल में 200,000 के स्तर पर जा सकता है। उन्होंने मजबूत आर्थिक वद्घि के मोर्चे पर भी वुड के विचारों का समर्थन किया है और अगले साल वर्षों के दौरान कॉरपोरेट आय में अच्छी तेजी आने का अनुमान जताया है जिससे सेंसेक्स को 200,000 के आंकड़े पर पहुंचने में मदद मिल सकती है। यही वजह है कि उन्होंने निवेशकों को भारत को नजरअंदाज कर दांव लगाने की सलाह नहीं दी है।
बीएसई सेंसेक्स के लिए इस लक्ष्य को हासिल करने के संदर्भ में अग्रवाल ने अगले साल के लिए कॉरपोरेट मुनाफा वृद्घि 15 प्रतिशत की सीएजीआर से बढऩे का अनुमान जताया है, जो देश की जीडीपी (12-13 प्रतिशत पर अनुमानित) के मुकाबले कुछ अधिक है।
