भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक साथ कई आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की भरमार पर बाजार को आगाह किया है। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि बाजार नियामक ने ब्रोकरेज कंपनियों (मध्यस्थों) से कहा है कि निर्गमों के लिए बोलियां चरणबद्घ तरीके से निपटाई जाएं और इसके लिए सभी तैयारियां चाकचौबंद रखी जाएं।
पिछले महीने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर कारोबार कुछ समय के लिए ठप होने के कारण बाजार नियामक अब कोई कसर छोडऩा नहीं चाहता। एनएसई पर कारोबार ठप होने से कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ था। वित्त मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए सेबी को ऐसी घटनाएं रोकने के इंतजाम करने को कहा है।
सेबी यह भी चाहता है कि आईपीओ का कार्यक्रम निर्धारित करते वक्त सिंडिकेट सदस्य और स्व-अभिप्रमाणित सिंडिकेट बैंक (एससीएसबी) सभी ब्रोकर कंपनियों में तकनीकी, ढांचागत और मानव संसाधन की जरूरतों की समीक्षा करें। सेबी यह सुनिश्चित करने में जुट गया है कि तय कार्यक्रम के अनुसार बड़ी संख्या में आवदेन निपटाने के लिए पूरी व्यवस्था दुरुस्त रहे। सेबी ने कहा कि यूपीआई आवेदनों का निपटारा निर्बाध रूप से करने के लिए प्रायोजक बैंकों का चयन पूरी सावधानी के साथ किया जाना चाहिए। बाजार नियामक ने यह भी कहा है कि आखिरी दिन निर्गम बंद होने के समय से पहले सभी आवेदनों के निपटारे के लिए एससीएसबी को पहले ही सूचित कर दिया जाना चाहिए। सेबी ने कहा कि इससे आवेदन करने की समय सीमा बढ़ाने की नौबत नहीं आएगी।
इस महीने कम से कम 7 सार्वजनिक आरंभिक निर्गम आने वाले हैं, जिनके जरिये 10,000 से 12,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। इनमें कुछ आईपीओ को निवेशकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल सकती है और संस्थागत तथा खुदरा निवेशकों के आवेदन बड़ी संख्या में आ सकते हैं। शुक्रवार को इंजीनियरिंग कंपनी एमटीएआर टेक्नोलॉजीज को 200 गुना से अधिक बोली मिली थीं। निवेशकों ने कंपनी के आईपीओ के लिए करीब 84,000 करोड़ रुपये मूल्य की बोलियां लगाई थीं। उसी दिन कृषि-रसायन क्षेत्र की कंपनी हीरनबा इंडस्ट्रीज ने भी बाजार में धमाकेदार शुरुआत की और शेयर निर्गम मूल्य के मुकाबले 50 प्रतिशत से अधिक उछल गया। ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी ईजी ट्रिप प्लानर्स को भी सोमवार को 2.3 गुना से अधिक आवेदन मिले।
कल्याण ज्वैलर्स, लक्ष्मी ऑर्गेनिक्स, क्राफ्ट्समैन ऑटोमेशन, अनुपम रसायन, सूर्योदय स्मॉल फाइनैंस बैंक और आधार हाउसिंग फाइनैंस भी इस महीने अपना आईपीओ ला सकती हैं। एक वरिष्ठ निवेश बैंकर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ‘व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद लग रही है, लेकिन तकनीकी खामी की आशंका पूरी तरह नकारी भी नहीं जा सकती। यूपीआई प्रक्रिया अमूमन स्वचालित होती है लेकिन हमें यह नहीं मालूम कि इसका परीक्षण पर्याप्त हो पाया है और सर्वाधिक मांग के समय यह प्रणाली किस तरह काम करेगी। निवेशकों को अंतिम क्षणों की आपाधापी से बचने के लिए शुरुआती दौर में ही बोली लगा देनी चाहिए।’
विशेषज्ञों का कहना आईपीओ के लिए अनुमानित बोलियों के आधार पर एक्सचेंजों के लिए आवेदन निपटाने हेतु प्रणाली की क्षमता बढ़ाने का विकल्प नहीं है। बोलियों की संख्या कुछ खास समय अंतराल पर अचानक बढ़ सकती है, जिससे प्रणाली पर दबाव बढ़ा सकता है। आईपीओ के पहले दिन पहले घंटे और आखिरी दिन अंतिम घंटे में बोलियां काफी बढ़ जाती हैं।
