भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ग्राहकों की प्रतिभूतियों एवं कोष का उनके ब्रोकरों की तरफ से दुरुपयोग रोकने के लिए सोमवार को नयी रूपरेखा या नियम जारी किए हैं। इसके तहत डिपॉजिटरी को ग्राहकों के डीमैट खातों से प्रतिभूतियों को कारोबारी सदस्य के पूल खाते में जमा करने संबंधी लेनदेन निर्देश की पुष्टि करने की जरूरत है।
यह काम प्रतिभूतियों को वास्तविक रूप में जमा करने के पहले ही करना होगा। सेबी ने एक परिपत्र में कहा कि इस नई व्यवस्था से ग्राहकों की प्रतिभूतियों का ब्रोकरों की तरफ से दुरुपयोग रोकने में मदद मिलेगी।
सेबी ने परिपत्र में कहा, ‘डिपॉजिटरी को ग्राहकों के डीमैट खातों से प्रतिभूतियों को शेयर कारोबारियों के पूल खाते में जमा करने संबंधी निर्देशों का पालन करने के पहले इसकी पुष्टि करनी होगी।’
सेबी की यह नई रूपरेखा 25 नवंबर से लागू हो जाएगी। शुरुआती जमा निर्देशों के लिए ब्लॉक व्यवस्था की मौजूदा सुविधा ही जारी रहेगी।
