भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विश्लेषक सम्मेलनों और सूचीबद्घ कंपनियों द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस कॉल्स से सामने आने वाली जानकारी में अंतर रदूर करने के लिए कई कदम उठाने की पेशकश की है।
बाजार नियामक ने कहा है कि कंपनियों को ऐसे सभी सम्मेलनों की ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग बनाने और इन्हें अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराने और इवेंट के 24 घंटे के अंदर स्टॉक एक्सचेंजों को मुहैया कराने की जरूरत होगी।
हालांकि सेबी ने कहा है कि यदि कंपनियां ऐसे सम्मेलनों या बैठकों में गैर प्रकाशित कीमत-संवेदी सूचना (यूपीएसआई) पर चर्चा करती हैं तो उन्हें इनका बड़े पैमाने पर लोगों के समक्ष खुलासा करने की जरूरत होगी।
इसके अलावा, कंपनियों को ऐसे कॉल की लिखित जानकारी भी तैयार करनी होगी जिन्हें अर्निंग कॉल के बाद पांच कामकाजी दिनों के अंदर उपलब्ध कराना होगा।
सेबी ने प्रस्ताव रखा है कि ये फाइल्स कंपनी की वेबसाइट पर कम से कम आठ साल तक रखी जानी चाहिए।
उद्योग के जानकारों का कहना है कि ऐसे प्लेटफॉर्म बड़े संस्थागत शेयरधारकों के साथ जानकारी साझा करने के माध्यम के तौर पर तेजी से लोकप्रिय हुए हैं।
कई कंपनियां कुछ खास निवेशकों के साथ बैठकों का भी आयोजन करती हैं। सेबी ने प्रस्ताव रखा है, ‘सूचीबद्घ कंपनियों को खास निवेशकों के साथ हुई बैठकों की संख्या तथा अन्य जानकारी मुहैया करानी होगी।’
