फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने मंगलवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में सितंबर 2022 के महीने में भारत की खुदरा वाहनों की बिक्री में 11 फीसदी की वृद्धि हुई है।
हालांकि उद्योग को अभी तक कोविड के पहले के स्तर पर पहुंचना बाकी है क्योंकि मौजूदा संख्या सितंबर 2019 की तुलना में 4 फीसदी कम है। यह दर्शाता है कि ग्रामीण मांग में अभी तक तेजी नहीं आई है। सितंबर के महीने में दोपहिया (two-wheeler) वाहनों की बिक्री पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी और तिपहिया (three-wheeler) वाहनों की बिक्री 72 फीसदी बढ़ी है।
यात्री वाहनों (passenger vehicles) की बिक्री 10 फीसदी और वाणिज्यिक वाहनों (commercial vehicles) की बिक्री 19 फीसदी बढ़ी है। ट्रैक्टर की बिक्री में 1.5 फीसदी की गिरावट आई है। उद्योग निकाय को उम्मीद है कि कुल 31 दिनों में से त्योहारी सीजन के 24 दिनों के साथ अक्टूबर में ऑटो रिटेल को उच्च स्तर पर देखा जाएगा।
FADA के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया कहते हैं, ‘सितंबर 2022 के महीने के लिए ऑटो रिटेल में कुल मिलाकर 11 फीसदी की वृद्धि देखी गई। 10 से 25 सितंबर तक श्राद्ध की अशुभ अवधि और 26 सितंबर को नवरात्रि के साथ शुरू होने वाले उत्सव की अवधि दोनों ही सितंबर महीने में थी। इस कारण सितंबर महीने में बिक्री पूरी क्षमता के साथ नहीं हुई, जैसा कि होना चाहिए था।’
सितंबर 2019 से टू-व्हीलर सेगमेंट में 14 फीसदी की गिरावट आई है। ‘लागत बढ़ने की वजह से टू-व्हीलर कंपनियों ने पिछले एक साल में कीमतों में पांच गुना बढ़ोतरी की है। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रास्फीति को काबू करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई जिससे वाहन ऋण महंगा हो गया। वह कहते हैं, ‘दोपहिया वाहनों विशेष रूप से प्रवेश स्तर के वाहनों को बहुत कम खरीदार मिल रहे हैं।
FADA ने कहा कि तिपहिया सेगमेंट में उपभोक्ता पेट्रोल और डीजल इंजन वाले वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ शिफ्ट कर रहे है। यह ई-रिक्शा की ‘बेहद स्वस्थ’ विकास दर में दिखाई दे रहा है। वैकल्पिक ईंधन सहित उत्पादों की पूरी श्रृंखला के साथ वाहनों की बेहतर उपलब्धता, अधिक सार्वजनिक परिवहन और रिक्शा सेवा का उपयोग करने वाले ग्राहकों ने भी तिपहिया सेगमेंट में मांग को बढ़ावा दिया।
सीवी (commercial vehicles) सेगमेंट में मुख्य रूप से भारी वाणिज्यिक वाहनों से वृद्धि हुई, जिसमें प्रति वर्ष 40 फीसदी की वृद्धि देखी गई। सिंघानिया कहते हैं, ‘वाहनों की बेहतर उपलब्धता, त्योहारी सीजन, थोक बेड़े की खरीद और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार के निरंतर प्रयास ने इस सेगमेंट को चमका दिया।’
एसोसिएशन ने कहा कि सेमीकंडक्टर आपूर्ति में ढील के कारण बेहतर उपलब्धता, नए लॉन्च और फीचर से भरपूर उत्पादों ने ग्राहकों को शुभ अवधि के दौरान अपने पसंदीदा वाहन प्राप्त करने के लिए डीलरशिप से जोड़े रखा, जिसके परिणामस्वरूप यात्री वाहनों की संख्या में सुधार हुआ। उन्होंने कहा, ‘अभी भी प्रतीक्षा अवधि तीन महीने से 24 महीने के बीच है, खासकर एसयूवी और कॉम्पैक्ट एसयूवी के लिए जो आज के ग्राहकों के लिए पहली पसंद बन गए हैं।’
FADA ने अपने एक बयान में कहा, ‘टू-व्हीलर सेगमेंट में पूछताछ का स्तर सकारात्मक गति दिखा रहा है। यदि इस सेगमेंट विशेष रूप से प्रवेश स्तर के दोपहिया वाहन की बिक्री में सुधार आता है, तो कुल मिलाकर ऑटो रिटेल में पिछले दो त्योहारी सीजन की तुलना में उच्च वृद्धि देखी जाएगी। लेकिन फिर भी यह अक्टूबर 2019 की कोविड से पहले की संख्या से पीछे रह सकती है।