सप्ताहांत पर रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की उस घोषणा के कारण कंपनी का शेयर सोमवार को 4.42 फीसदी टूट गया कि सऊदी अरामको को ओ2सी कारोबार की हिस्सेदारी बेचने की कंपनी की योजना धराशायी हो गई है। सोमवार को कंपनी ने निवेशकों की 72,000 करोड़ रुपये की संपत्ति गंवा दी क्योंकि कंपनी का शेयर 2,363 रुपये पर बंद हुआ और बाजार पूंजीकरण घटकर 14.99 लाख करोड़ रुपये रह गया।
आरआईएल व सऊदी अरामको ने अगस्त 2019 में गैर-बाध्यकारी लेटर ऑफ इंटेट पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत आरआईएल के ओ2सी कारोबार की 20 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण 75 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर अरामको की तरफ से होना था। शुक्रवार को कंपनी ने ऐलान किया कि वह आरआईएल से ओ2सी कारोबार अलग करने से संबंधित एनसीएलटी को दिया आवेदन वापस ले रही है, जिसकी वजह आरआईएल के कारोबारी पोर्टफोलियो में उभरती हुई प्रकृति है।
विश्लेषकों ने कहा कि आरआईएल के शेयर भाव में गिरावट की प्राथमिक वजह सौदे का न होना है, इसके साथ ही बाजार में भी गिरावट आई। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, बाजार में व्यापक बिकवाली हुई और सेंसेक्स कारोबारी सत्र में 1,600 अंक से ज्यादा टूट गया था, जो बताता है कि अल्पावधि में अस्थायी अवरोध देखने को मिल सकते हैं।
विश्लेषकों ने कहा कि बाजार ओ2सी कारोबार का मूल्यांकन 75 अरब डॉलर मानकर चल रहा था। रिफाइनिंग व पेट्रोकेमिकल चक्र (जो अब बदल सकता है) और जियोफोन नेक्स्ट की सुस्त पेशकश के बाद बाजार के लिए अहम उत्प्रेरक अरामको सौदा रहा। क्रेडिट सुइस ने रिपोर्ट में कहा कि अब ध्यान जियो व रिटेल की सूचीबद्धता की समयसारणी और दूरसंचार कारोबार में संभावित टैरिफ बढ़ोतरी की ओर केंद्रित हो जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आरआईएल की तटस्थ रेटिंग में इजाफा व लक्षित कीमत 2,450 के लिए जोखिम रिफाइनिंग में नई क्षमता जोडऩे में देरी, मांग में तेजी के जरिये चक्र में उम्मीद से ज्यादा सुधार या पेट्रोकेमिकल की नई आपूर्ति में देरी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जियो में यूजर के आधार का मुद्रीकरण और उद्योग के लिहाज से अनुमान से ज्यादा टैरिफ में बढ़ोतरी सकारात्मक चीजें होंगी। खुदरा के मामले में किराना संग साझेदारी के जरिए नई वाणिज्यिक पहल को अनुमान से तेजी से आगे बढ़ाना और उच्च बढ़त की रफ्तार अहम होगी। इसके अलावा जियो या रिटेल की और हिस्सेदारी बिक्री उच्च मूल्यांकन पर करना भी अहम रहेगा।
क्रेडिट सुइस के मुताबिक, शेयर के लिए गिरावट का जोखिम रिफाइनिंग व पेट्रोकेमिकल डिविजन के वॉल्यूम व मार्जिन में सुधार में देरी, होम ब्रॉडबैंड जियोफाइबर में उम्मीद से सुस्त बढ़ोतरी, एंटरप्राइज व इंटरनेट ऑफ थिंग्स कारोबारी क्षेत्रों में सुस्ती के अलावा वित्त वर्ष 23 में दूरसंचार उद्योग में अनुमान से कम कीमत बढ़ोतरी है।
