बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए)ने बीमा कंपनियों को पिछले तीन महीनों में हुए निवेश का ब्योरा देने को कहा है।
कंपनियों को इस निर्देश के तहत सितंबर,अक्टूबर और नवंबर महीने में हुए निवेश का ब्योरा देने को कहा गया है। आईआरडीए ने कहा है कि भारत समेत पूरी दुनिया में बदलते आर्थिक परिदृश्य और बढ़ते खतरों को देखते हुए निवेश को लेकर सचेत हो जाना लाजिमी हो गया है।
इसी वजह से वह बीमा कंपनियों से निवेश संबंधी जानकारी तलब कर रहा है।सूत्रों के मुताबिक आनेवाले समय में बीमा कंपनियों को अपने पॉलिसीधारकों को निवेश केबारे में जानकारी देनी पड़ सकती है।
इसके लिए नई व्यवस्था शुरू करने की बात भी चल रही है, जिसके तहत बीमा कंपनियों को प्रत्येक तिमाही में अपने पॉलिसीधारकों को निवेश की जानकारी देना अनिवार्य बनाया जा सकता है।
आईआरडीए ने बीमा कंपनियों से कहा है कि 15 दिसंबर तक उन्हें सूचनाएं मुहैया करानी पड़ेंगी और ऐसा नहीं करने पर उन्हें जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
इस संबंध में एक निजी बीमा कंपनी के अधिकारी ने बताया कि आईआरडीए ने हाल में ही बीमा के नियमों के बारे में कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिन्हें 1 जनवरी 2009 से लागू किया जाना है। अधिकारी ने बताया कि इन दिशानिर्देशों केलागू होने से पहले आईआरडीए निवेश संबंधी सारी जानकारियां इकट्ठा करना चाहता है।
गौरतलब है कि ज्यादातर निवेश जीवन बीमा में होते हैं। आईआरडीए के दिशानिर्देशों के अनुसार इन कंपनियों को अपने पास मौजूद निवेश योग्य पूंजी का 50 फीसदी हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों, 15 फीसदी विनिर्माण और बाकी बचा 35 फीसदी इक्विटी और अन्य इंस्ट्रूमेंट में लगाने की छूट होती है।
वह स्पष्ट रूप से कह चुका है कि बीमा कंपनियां किसी भी ऐसी परिसंपत्ति और इंस्ट्रूमेंट में निवेश नहीं करेंगी, जो बाजार के माहौल के मुताबिक रेटिंग पाने के लायक तो है, लेकिन अभी उसे रेटिंग हासिल नहीं हुई है।