भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) से कहा कि पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस के निदेशक मंडल ने शेयरों के तरजीही आवंटन के भाव मंजूर करने में गलती की थी क्योंकि वह कंपनी के संस्थागत अंतर्नियमों के अनुरूप नहीं था।
सेबी के एक कानूनी पक्षकार ने सैट में हुई सुनवाई के दौरान पीएनबी हाउसिंग के निदेशक मंडल को जिम्मेदार ठहराया। पक्षकार ने कहा, निदेशक मंडल की इस मंजूरी पर कार्रवाई के लिए कानून में प्रावधान हैं और सेबी इस दिशा में कदम उठाने के लिए अधिकृत है। अगर आप असाधारण आम सभा में शेयरधारकों के समक्ष एक खास कीमत रखते हैं तो कृपया अपनी संस्था के अंतर्नियमों (एओए) के मुताबिक कीजिए।
आईसीडीआर और एओए के बीच कोई असंगति नहीं है और एओए की धारा 19(2) लागू होती है जो कि बोर्ड के प्रस्ताव को त्रुटिपूर्ण बना देती है। सेबी के वकील ने कहा कि धारा 19 (2) में एक स्वतंत्र पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता द्वारा मूल्यांकन का प्रावधान है और कंपनी की सूचीबद्धता के समय इसे खासतौर पर जोड़ा गया था।
कार्लाइल एवं अन्य निवेशकों को तरजीही शेयरों के आवंटन के बारे में विशेष प्रस्ताव पर मंजूरी के लिए गत 22 जून को पीएनबी हाउसिंग की ईजीएम बुलाई गई थी। इस प्रस्ताव को बैठक में मौजूद एवं मतदान में हिस्सा लेने वाले 75 फीसदी शेयरधारकों की मंजूरी चाहिए थी। कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक पंजाब नैशनल बैंक के अलावा निजी इक्विटी फर्में कार्लाइल, जनरल अटलांटिक एवं एरेस एसएसजी इस प्रस्ताव से प्रभावित होने वाले थे। इन सबका पीएनबी हाउसिंग में संयुक्त रूप से 85 फीसदी हिस्सेदारी है।
पंचाट ने सुनवाई में यह माना कि पीएनबी हाउसिंग के एओए की धारा 19(2) और सेबी के पूंजी एवं खुलासा अनिवार्यता (आईसीडीआर) नियमों में कोई असंगति नहीं है। आईसीडीआर नियमों में तरजीही आवंटन के लिए शेयरों का एक न्यूनतम आधार मूल्य तय करने की बात कही गई है।
सेबी ने आरोप लगाया कि कंपनी की तरफ से पेश मूल्यांकन रिपोर्ट में सिर्फ आधार मूल्य को आईसीडीआर नियमों के मुताबिक बताया गया है और इस मूल्य तक पहुंचने के लिए अपनाई गई मूल्यांकन पद्धति का कोई जिक्र नहीं है। अगर कोई स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता यह काम करता तो उसमें मूल्यांकन पद्धति का भी उल्लेख रहता। बाजार नियामक ने यह भी कहा है कि कंपनी अधिनियम 2014 का नियम सिर्फ एक सक्षमकारी प्रावधान था और इसे कंपनी के एओए की जगह नहीं लागू करना चाहिए।
सेबी ने 25 जून को भेजे गए अपने पत्र को प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन बताने के कंपनी के आरोप को भी नकार दिया। उसने कहा कि स्टॉक एक्सचेंजों की रिपोर्ट और उसके द्वारा उठाए गए मुद्दों को कंपनी के समक्ष उठाया गया था और उसे जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था। सेबी ने कहा कि व्यक्तिगत सुनवाई के अभाव से उसके द्वारा उठाए गए कदम अमान्य नहीं हो जाते हैं।
अब इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस ने पिछली सुनवाई में कहा था कि सेबी उसे एओए के नियमों के पालन के लिए मजबूर नहीं कर सकता है क्योंकि यह सिर्फ एक अनुबंध है।
पीएनबी हाउसिंग ने मई में तरजीही शेयरों के आवंटन की घोषणा की थी। गत 18 जून को सेबी ने कंपनी को तरजीही आवंटन पर तब तक रोक लगाने को कहा था जब तक कोई स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता मूल्यांकन न कर ले। कंपनी ने इसे अपील पंचाट में चुनौती दी हुई है।