स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा चरणबद्घ तरीके से टी+1 की पेशकश को लेकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) में उत्साह पैदा हुआ है, क्योंकि इनमें से ज्यादातर निवेशक इस संक्षिप्त निपटान चक्र के कदम का विरोध कर रहे थे।
घरेलू शेयर बाजारों ने 12 चरणों में टी+1 चक्र की दिशा में आगे बढऩे का संयुक्त रूप से निर्णय लिया है। ये चरण फरवरी के अंत में बॉटम-100 शेयर से जनवरी 2023 तक शीर्ष-200 शेयरों तक शामिल होंगे।
इस बदलाव से बहुत ज्यादा बदलाव आने का अनुमान नहीं है, क्योंकि पहले 9 चरणों में शामिल शेयरों में एफपीआई काफी कम या फिर नहीं होता है। इसके अलावा, इस समूह के लिए कारोबारी मात्रा और बाजार पूंजीकरण कुल बाजार के मुकाबले काफी कम होते हैं। वैश्विक निवेशकों के नजरिये से टी+1 पर वास्तविक तौर पर अमल सिर्फ दिसंबर 2022 में ही शुरू हो पाएगा, जो प्रस्ताव के मुकाबले एक साल से ज्यादा का समय है।
प्रमुख एफपीआई की उद्योग संस्था एशिया सिक्योरिटीज इंडस्ट्रीज ऐंड फाइनैंशियल मार्केट्स एसोसिएशन (असिफमा) ने टी+1 व्यवस्था के लिए घोषित नए ढांचे का स्वागत किया है।
उसने कहा है, ‘चूंकि अगले सबसे कम बाजार पूंजीकरण के आधार पर 500 शेयर हर महीने टी+1 में शामिल किए जाएंगे, जिससे ज्यादातर एफपीआई अगस्त, सितंबर या अक्टूबर 2022 तक प्रभावित नहीं होंगे। इससे बाजार कारोबारियों (एफपीआई से लेकर उनके कस्टोडियन और ब्रोकरों और स्टॉक एक्सचेंजों तथा नियामकों) को संक्षिप्त टी+1 निपटान चक्र पूरा करने के लिए समाधान के साथ आगे बढऩे के लिए ज्यादा समय मिलेगा। इससे अमेरिका, यूरोप में स्थित निवेशकों के लिए पूर्व-फंडिंग की समस्या नहीं होगी, भले ही वहां का समय भारतीय समय से 10-15 घंटे पीछे है।’
असिफमा ने बाजार नियामक को उन कई चुनौतियों से अवगत कराया था जिनका सामना एफपीआई को नई संक्षिप्त निपटान चक्र व्यवस्था के साथ करना पड़ सकता है।
सितंबर में, सेबी ने कहा था कि टी+1 चक्र को घरेलू बाजार के लिए 1 जनवरी 2022 से पेश किया जा सकेगा। हालांकि नियामक ने इसकी जिम्मेदारी स्टॉक एक्सचेंजों पर डाल दी कि क्या वे सभी हितधारकों को एक महीने पहले सूचना देने के बाद, सूचीबद्घ शेयरों पर संक्षिप्त निपटान चक्र चयन का निर्णय लेना चाहेंगे या नहीं।
बाजार कारोबारियों को आशंका है कि बीएसई और एनएसई अलग अलग निपटान चक्रों पर अमल करेंगे या नहीं। ज्यादा छोटे निवेशकों से जुड़े बीएसई ने टी+1 चक्र का समर्थन किया था। हालांकि दोनों एक्सचेंजों द्वारा इस संबंध में संयुक्त रूप से कार्य किए जाने से तरलता अव्यवस्था की आशंका दूर करने में मदद मिली है।
शीर्ष-500 सूचीबद्घ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण और कारोबार की मात्रा में बड़ा योगदान है। घरेलू बाजारों की एफपीआई शेयरधारिता भी इन कंपनियों में केंद्रित है।
एडलवाइस अल्टरनेटिव रिसर्च के सहायक उपाध्यक्ष अभिलाष पगारिया द्वारा कराए गए विश्लेष्ज्ञण से पता चलता है कि शीर्ष-500 की शुरुआती कंपनियां 25 नवंबर, 2022 से टी+2 से टी+1 निपटान चक्र में शामिल होंगी।
