पेटीएम का शेयर नियामकीय चुनौतियों और मूल्यांकन पर दबाव की वजह से इस साल अब तक (वाईटीडी) आधार पर 48 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है। यह शेयर पिछले साल नवंबर में अपनी सूचीबद्धता के बाद से 2,150 रुपये के अपने निर्गम भाव को कभी नहीं छू पाया है। हालांकि 692 रुपये के मौजूदा स्तरों पर, गोल्डमैन सैक्स ने इसे भारतीय इंटरनेट क्षेत्र में बेहद आकर्षक अवसरों में से एक के तौर पर माना है, क्योंकि यह शेयर आकर्षक कीमत पर उपलब्ध हे। 22 सितंबर की अपनी रिपोर्ट में वैश्विक शोध एवं ब्रोकिंग फर्म के विश्लेषकों ने कहा कि कंपनी का बिजनेस मॉडल लगातार मजबूत प्रदर्शन का संकेत दे रहा है।
विश्लेषकों ने निवेशकों को मौजूदा स्तरों पर इस शेयर को खरीदने का सुझाव दिया है और 1,100 रुपये के अपने 12 महीने के कीमत लक्ष्य को बरकरार रखा है। रिस्क-रिवार्ड के विश्लेषण से तेजी के परिदृश्य में इस शेयर में मौजूदा स्तरों से 112 प्रतिशत वृद्धि और मंदी की स्थिति में 12 प्रतिशत की गिरावट का संकेत मिलता है।
शेयर में इस तेजी की अन्य वजह ये भी हैं कि पेटीएम पूरे टोटल एड्रेसेबल मार्केट्स (टीएएम) में परिचालन करती है, जिसमें से ज्यादातर के अगले पांच साल में 20 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने की संभावना है।
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, कंपनी का गैर-भुगतान राजस्व वित्त वर्ष 2023 की जून तिमाही के कुल राजस्व के 36 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2026 तक 44 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है, जिसे समान अवधि के दौरान समायोजित एबिटा मार्जिन – 16 प्रतिशत से बढ़कर +14 प्रतिशत पर पहुंचने से मदद मिलेगी।
गोल्डमैन सैक्स की मनीषा अदूकिया, राहुल जैन और हर्षिता वाढेर ने 22 सितंबर की अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ‘दिसंबर, 2021 में अपनी शुरुआत के बाद से, हमने अपने अनुमानों को करीब 13 प्रतिशत (वित्त वर्ष 2024) तक बढ़ाया है और ये मौजूदा समय में वित्त वर्ष 2025 के राजस्व/समायोजित एबिटा पर आधारित अनुमानों से 5/24 प्रतिशत अधिक है। हमें ऊंचे मार्जिन वाले सेगमेंटों में वृद्धि से मुनाफा तेजी से बढ़ने की संभावना है।’
विश्लेषकों का मानना है कि नवंबर 2022 में लॉक-इन एक्सपायरी (पेटीएम के बकाया शेयरों का 86 प्रतिशत) की वजह से इस शेयर पर गतिरोध बना रह सकता है।
