पेटीएम का शेयर सोमवार को 13 फीसदी टूट गया और इस तरह से दो दिन की गिरावट 37 फीसदी पर पहुंच गई, जो इसे किसी देसी कंपनी व अहम वैश्विक तकनीकी कंपनी का एक्सचेंजों पर सबसे खराब आगाज में से एक करार देता है। अलीबाबा की एंट फाइनैंशियल और सॉफ्टबैंक समर्थित कंपनी का बाजार मूल्यांकन अब घटकर 12 अरब डॉलर (88,185 करोड़ रुपये) रह गया जबकि आईपीओ में उसे 18.7 अरब डॉलर (1.39 लाख करोड़ रुपये) का मूल्यांकन हासिल हुआ था।
आगाज पर इस शेयर के अंजाम को देखते हुए सवाल उठता है कि आखिर कंपनी और उसके निवेश बैंकर 18,300 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए कंपनी के मूल्यांकन पर पहुंचे, जो देसी बाजार का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। पेटीएम का शेयर 1,271 रुपये तक टूटने के बाद अंत में यह 1,360 रुपये पर बंद हुआ, जो इश्यू प्राइस 2,150 रुपये से काफी नीचे है।
कीमत में 37 फीसदी की गिरावट ब्लैकरॉक व कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड जैसे निवेशकों को झटका देगा, जिन्होंने आईपीओ के लिए बड़े चेक पर हस्ताक्षर किए हैं। यह करीब 10 लाख खुदरा निवेशकों को भी झटका देगा, जिन्होंने करीब 2,100 करोड़ रुपये के शेयर के लिए आवेदन किया।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, सूचीबद्धता पर सुस्ती और लगातार इस शेयर की हो रही कमजोर ट्रेडिंग देसी बाजार के लिए बड़ी अवधारणात्मक चोट है, जो मजबूत प्राथमिक बाजार पर सवार है। यह खुदरा श्रेणी से बाजार में निवेश पर असर डालेगा, जो साल के दौरान अहम किरदार रहे हैं।
पेटीएम ने रविवार को अक्टूबर के प्रदर्शन के बारे में खुलासा किया। कंपनी का सकल मर्केंडाइज वैल्यू (जीएमवी) 2.31 गुना बढ़कर 83,200 करोड़ रुपये रहा। कर्ज वितरण 5 गुना से ज्यादा बढ़कर 627 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। साल दर साल के हिसाब से बढ़त हालांकि विश्लेषकों को उत्साहित नहीं कर पाया।
मैक्वेरी के विश्लेषकों सुरेश गणपति और परम सुब्रमण्यन ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘जहां जीएमवी सालाना आधार पर 112 प्रतिशत बढ़ी है, वहीं इस पर यूपीआई (हमारे अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 में 66 प्रतिशत) का दबदबा है, जिसमें पेटीएम जीरो-एमडीआर कमाती है। हमारा मानना है कि यूपीआई योगदान वित्त वर्ष 2026ई तक बढ़कर 85 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इसलिए हमें मजबूत जीएमवी वृद्घि से मुनाफा और नुकसान के आंकड़े ज्यादा प्रभावित होने का अनुमान नहीं है। पेटीएम ने अपने आरएचपी में पहली तिमाही के दौरान 890 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया और हमने पेटीएम के लिए वित्त वर्ष 2022ई का राजस्व अनुमान 4,500 करोड़ रुपये पर बरकरार रखा है। इसके अलावा, हम अक्टूबर 2021 के आंकड़ों में भी बदलाव नहीं करेंगे, क्योंकि वे मजबूत त्योहारी बिक्री पर आधारित थे।’
एमडीआर मर्चेंट डिस्काउंट रेट है। यह ऐसा शुल्क है जो कंपनी भुगतान संबंधित ट्रांजेक्शन की प्रोसेसिंग के लिए वसूलती है।
गुरुवार को पेटीएम की सूचीबद्घता से पहले, मैक्वायरी ने ‘अंडरपरफॉर्म’ रेटिंग और 1200 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर पर कवरेज शुरू किया। मैक्वेरी के विश्लेषकों ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा था, ‘पेटीएम के मजबूत कैश-बर्निंग बिजनेस मॉडल को देखते हुए मुनाफे के लिए कोई स्पष्ट राह नहीं दिखने से व्यवसाय और कॉरपोरेट प्रशासन के लिए बड़े नियामकीय जोखिम पर विचार करते हुए हमारा मानना है कि कंपनी की वैल्यू 2,150 रुपये के कीमत दायरे के अपर ऐंड पर ज्यादा है।’
सोमवार को पेटीएम में करीब 3,700 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों में अदला-बदली हुई। सूचीबद्घता के दिन, इस शेयर में ट्रेडिंग कारोबार करीब 4,000 करोड़ रुपये था।
