शेयर बाजार में आज जबरदस्त बिकवाली हुई और बेंचमार्क सेंसेक्स 949 अंक या 1.65 फीसदी लुढ़ककर 56,747 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के सभी 30 शेयर नुकसान में रहे। निफ्टी भी 1.65 फीसदी या 248 अंक के नुकसान के साथ 16,912 पर बंद हुआ। निफ्टी में 50 शेयरों में से केवल एक बढ़त पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक 27 अगस्त के अपने निचले स्तर पर बंद हुए।
ओमीक्रोन की बढ़ती चिंता के बीच विदेशी निवेशकों की बिकवाली से देसी शेयर बाजार में पिछले 10 कारोबारी सत्रों में से चार बार 1.3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। 18 अक्टूबर के अपने उच्चतम स्तर से बेंचमार्क निफ्टी करीब 8.5 फीसदी नीचे आ चुका है। वैश्विक बाजारों की तुलना में घरेलू बाजार में मूल्यांकन ज्यादा होने, जिंस के दामों में तेजी से कंपनियों के मार्जिन पर चोट पडऩे, मुद्रास्फीति की चिंता के मद्देनजर केंद्रीय बैंकों का रुख सतर्कता भरा होने तथा कोरोनावायरस का नया स्वरूप ओमीक्रोन सामने आने से विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं। भारत के शेयर बाजार का प्रदर्शन सभी वैश्विक बाजारों की तुलना में कमतर रहा जबकि अब तक देसी बाजार का प्रदर्शन वैश्विक प्रतिस्पर्धी बाजारों की तुलना में बेहतर रहा था।
अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लगातार बिकवाली से निवेशकों का हौसला कमजोर पड़ा है। ओमीक्रोन को लेकर भी लोग आशंकित हैं। संस्थागत निवेशक स्थिति और स्पष्ट होने तक कुछ और बिकवाली कर सकते हैं।’ पिछले 10 कारोबारी सत्र में विदेशी निवेशकों ने 34,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। आज उन्होंने 3,361 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। विदेशी फंडों की तेज बिकवाली से पिछले एक साल में बाजार में खासा उतार-चढ़ाव देखा गया है।
विदेशी संस्थागत निवेशक पिछले 15 दिनों से बिकवाली कर रहे हैं लेकिन वैश्विक ब्रोकरेज द्वारा भारतीय बाजार के विषय में बयान दिए जाने के बाद से विदेशी फंड भी बिकवाली करने लगे हैं। मॉर्गन स्टैनली, एचएसबीसी, यूबीएस, नोमुरा और जेफरीज जैसे ब्रोकरेज ने भारत का भारांश कम कर दिया है या महंगे मूल्यांकन पर चिंता जताई है। वेलेंटिस एडवाइजर्स के संस्थापक ज्योतिवर्धन जयपुरिया ने कहा, ‘ओमीक्रोन ने एक बहाना दिया है। गिरावट की असल वजह मूल्यांकन ज्यादा होना है। जब बाजार में मूल्यांकन ज्यादा होता है तो किसी भी बुरी खबर से बाजार में गिरावट आ जाती है। अब भी यहां शेयरों का मूल्यांकन ज्यादा है। ऐसे में अभी और गिरावट आ सकती है। उसके बाद बाजार में तेजी आएगी।’
