सरकार ने रक्षा क्षेत्र की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) के साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपने विनिवेश कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। एचएएल के 5,000 करोड़ रुपये के ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) को आज निवेशकों का जबरदस्त समर्थन मिला। संस्थागत निवेश श्रेणी में इस ओएफएस के तहत किए गए 4.013 करोड़ शेयरों के लिए 4.26 करोड़ शेयरों के लिए बोली प्राप्त हुई। अब तक करीब 4,257 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हो चुकी हैं। सरकार को उम्मीद है कि खुदरा निवेशक श्रेणी (2 लाख रुपये तक निवेश करने वाले) में भी कम से कम 750 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त होंगी। खुदरा निवेशकों के लिए करीब 1 करोड़ शेयर आरक्षित रखे गए हैं और इन शेयरों की नीलामी शुक्रवार को होगी।
एचएएल के ओएफएस के लिए आधार मूलय 1,001 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया है जो बुधवार के बंद भाव 1,178 रुपये के मुकाबले 15 फीसदी कम है। हालांकि आज यह शेयर 14.2 फीसदी लुढ़ककर 1,011 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। आर्बिट्रेज लाभ पर दांव लगाने के लिए निवेशकों ने बिकवाली की।
विशेषज्ञों ने कहा कि कई निवेशकों ने द्वितीयक बाजार में- खुद अपने शेयरों की अथवा स्टॉक होल्डिंग ढ़ांचे के तहत उधारी के जरिये- बिकवाली की होगी। साथ ही उन्होंने आर्बिट्रेज लाभ हासिल करने के लिए इस ओएफएस के लिए भी आवेदन किया होगा।
द्वितीयक बाजार मूल्य में ताजा गिरावट के बाद एचएएल का शेयर मूल्य ओएफएस के आधार मूल्य के लगभग करीब पहुंच गया है। खुदरा निवेशक अभी भी कुछ फायदे की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि सरकार उन्हें अतिरिक्त 5 फीसदी छूट की पेशकश कर रही है।
हालांकि फिलहाल यह जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है कि किन निवेशकों ने एचएएल के ओएफएस के लिए आवेदन किया है। लेकिन बाजार के जानकारों का कहना है कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने भी इसके लिए बोली लगाई है।
विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार ने एचएएल की शेयर बिक्री के लिए अच्छा समय चुना है। यह शेयर मार्च के अपने निचले स्तर से लगभग दोगुना हो चुका है। रक्षा क्षेत्र के शेयरों की जबरदस्त लिवाली से इसे बल मिला। बाजार ने उम्मीद जताई है कि एचएएल जैसी रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को आगे चलकर ऑर्डर बुक में भी सुधार दिखेगा।
एंजल ब्रोकिंग के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट ज्योति रॉय ने कहा, ‘फिलहाल कंपनी का ऑर्डर बैकलॉग 52,000 करोड़ रुपये है जिसमें अगले कुछ वर्षों के दौरान वृद्धि हो सकती है क्योंकि आगामी वर्षों में कंपनी को कई ऑर्डर मिल सकते हैं। इसमें 83 एलसीए के लिए ऑर्डर भी शामिल हैं जिसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। कंपनी के पास कई अन्य संभावित परियोजनाएं भी हैं जिनमें लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (एचयूएच) शामिल है। इन सब परियोजनाओं से ऑर्डर प्रवाह में निरंतरता बनी रहेगी और कंपनी के भविष्य के परिदृश्य को लेकर हमारा नजरिया सकारात्मक है।’ एचएएल में सरकार की हिस्सेदारी फिलहाल 89.97 फीसदी है। यदि खुदरा हिस्से की पर्याप्त बिक्री हो जाती है तो सरकार की हिस्सेदारी 15 फीसदी घटकर 75 फीसदी से नीचे आ जाएगी। ऐसे में एचएएल न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता संबंधी मानदंडों का आसानी से अनुपालन कर लेगी।
