भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास अपने आईपीओ प्रस्ताव सौंपने वाली कंपनियों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है। इससे अनुकूल बाजार हालात के बीच आईपीओ लाने के लिए कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी का संकेत मिलता है।
आईपीओ के लिए अपने दस्तावेज सौंपने वाली नई कंपनियों में सॉफ्टबैंक समर्थित ओरेवल स्टेज (जो ओयो होटल्स का परिचालन करती है) और अदार पूनावाला समर्थित वेलनेस फॉरेवर (जो रिटेल फार्मेसी स्टोरों का परिचालन करती है) शामिल हैं।
कोविड-19 संक्रमण में कमी आने और टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी के बीच आईपीओ पेशकशों में हाल के महीनों में तेजी आई है। आईपीओ बाजार पर नजर रखने वाली फर्म प्राइम डेटाबेस द्वारा एकत्रित आंकड़े से पता चलता है कि अगस्त में, सेबी के पास 28 डीआरएचपी आए और सितंबर में यह संख्या 21 थी।
आईपीओ के जरिये कोष उगाही वर्ष 2017 के 67,147 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड के नजदीक पहुंच गई है। इस साल अब तक करीब 40 कंपनियों ने 64,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई है।
जुलाई से आईपीओ के लिए अपने प्रस्ताव सौंपने वाली कंपनियां 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी जुटाने की संभावना तलाश रही हैं। यह आंकड़ा बीमा दिग्गज एलआईसी द्वारा अपने आईपीओ के लिए प्रस्ताव सौंपे जाने के बाद दोगुना हो सकता है। सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी ने हाल में 10 निवेश बैंकों को नियुक्त किया है, जो उसके डीआरएचपी को तैयार कर रहे हैं। यह डीआरएचपी इस साल के अंत तक बाजार नियामक के समक्ष पेश किए जाने की संभावना है।
इस साल आईपीओ के जरिये कोष उगाही में सेकंडरी शेयर बिक्री, मुख्य तौर पर निजी इक्विटी निवेशकों या प्रवर्तकों द्वारा बिक्री का दबदबा रहा है।
क्रेडिट सुइस में इंडिया इन्वेस्टमेंट बैंकिंग ऐंड कैपिटल मार्केट्स के सह-प्रमुख सुमित जालान ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों के पीई निवेश की इस साल बिकवाली पर जोर दिया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, आईपीओ गतिविधि सेकंडरी शेयर बिक्री केंद्रित हो रही है।’
विभिन्न क्षेत्रों से कंपनियां पूंजी बाजारों से कोष जुटाने पर विचार कर रही हैं। हालांकि इस साल जो खास बदलाव दिखा है, वह यह है कि स्टार्टअप कंपनियों ने सूचीबद्घता पर ध्यान दिया है। जुलाई में, फूड डिलिवरी फर्म जोमैटो सूचीबद्घ होने वाला भारत का पहला स्टार्टअप बन गई। उसके 9,375 करोड़ रुपये के आईपीओ को 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के आवेदन हासिल हुए और उसका शेयर मौजूदा समय में निर्गम भाव से 80 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा है।
पेटीएम, मोबीक्विक, नाइका और पैसा बाजार जैसे अन्य कई स्टार्टअप भी सूचीबद्घ होने की संभावना तलाश रहे हैं।
जालान ने कहा, ‘ताजा टेक आईपीओ ने न सिर्फ निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश का अवसर दिया है बल्कि इनसे मजबूत वृद्घि, नकदी आधारित व्यवसायों की अवधारणा भी पेश हुई है। ऐसी पेशकशों से टेक, स्टार्ट-अप के विकास और देश में निवेश बढ़ाने में भी मदद मिली है।’
औसत आधार पर हर साल सेबी के पास 40 डीआरएचपी सौंपे जाते हैं। साल में सर्वाधिक प्रस्तावों के संदर्भ में रिकॉर्ड वर्ष 2006 में 160 डीआरएचपी का था, जिसके बाद 2007 में यह संख्या 121 थी।
