देसी म्युचुअल फंड उद्योग ने इक्विटी व पैसिव निवेश श्रेणियों में निवेशकों के खातों में खासी बढ़ोतरी दर्ज की है। इस बीच, कमजोर रिटर्न के बीच डेट एमएफ में खातों की संख्या कम हो गई है।
इक्विटी योजनाओं में कुल खाते 30 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 8.4 करोड़ हो गए हैं, जो एक साल पहले 6.5 करोड़ थे। यह जानकारी फरवरी के आखिर में उद्योग निकाय एम्फी की तरफ से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से मिली।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि इक्विटी फंडों में सतत निवेश, कई नए एनएफओ पेश किए जाने और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए निवेशकों की स्थिर भागीदारी के कारण खातों की संख्या में इजाफा हुआ है।
पिछले साल फरवरी से अब तक इक्विटी फंडों में 1.41 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ है। मौजूदा वित्त वर्ष में इक्विटी फंडों में हर महीने सकारात्मक निवेश हुआ है और जुलाई व दिसंबर में निवेश 20-20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रहा।
क्वांटम एएमसी के एमडी व सीईओ जिमी पटेल ने कहा, पिछले एक साल में उद्योग ने इक्विटी व हाइब्रिड योजनाओं में निवेश देखा है, जिसकी वजह से उद्योग के कुल खातों में बढ़ोतरी हुई है। एसआईपी के जरिए निवेशकों के योगदानने भी इक्विटी योजनाओं में खातों की संख्या में इजाफा किया है। पिछले कुछ महीनों में पैसिव योजनाओं की तरफ भी खासा झुकाव रहा है, जो कम लागत वाले फंडों को निवेशकों की तरजीह बताता है।
इक्विटी फंडों में लगातार बढ़ोतरी के साथ एसआईपी में भी समय के साथ स्थिर बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले 12 महीने में एसआईपी के जरिए निवेश करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये रहा है।
अन्य योजनाओं के खातों में इंडेक्स फंड, गोल्ड ईटीएफ और विदशी फंड ऑफ फंड्स शामिल हैं और उनमें खाते दोगुने हो गए हैं क्योंंकि बड़ी संख्या में नए निवेशकों पैसिव मार्ग अपनाकर एमएफ में निवेश का विकल्प चुना है।
दूसरी ओर, डेट योजनाओं के खाते 10 फीसदी कम हो गए हैं, जो संकेत देता है कि जोखिम वाली इक्विटी के हक में निवेशकों ने अपेक्षाकृत सुरक्षित डेट योजनाओं से दूरी बनाए रखी।
डेट फंडों की श्रेणी में ज्यादातर योजनाओं ने पिछले एक साल में औसतन 3 से 5 फीसदी रिटर्न दिया है। उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, डेट फंडों में खातों की संख्या इसलिए घट रही है क्योंंकि ब्याज दरों में गिरावट के कारण उनमें काफी कम रिटर्न मिल रहा है। हम आने वाले समय में डेट फंडों की कुछ मांग देख सकते हैं क्योंकि आरबीआई ब्याज दरें बढ़ा सकता है और अल्पावधि वाले डेट फंडों का रिटर्न बढ़ सकता है।
पूरे एमएफ उद्योग में कुल खाते फरवरी 2022 के आखिर में 12.61 करोड़ थे, जो एक साल पहले 9.61 करोड़ थे।
