नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) भी एसएमई के लिए अलग से कारोबारी प्लेटफॉर्म की शुरुआत के करीब पहुंच चुका है।
एनएसई इस संबंध में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और आईडीबीआई बैंक के साथ बातचीत के निर्णायक मोड पर पहुंच चुका है। एनएसई पहले ही इसमें साझेदार के रूप में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) और इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड फाइनैंशियल सर्विर्सेज (आईएलएफएस) के नामों पर अपना मुहर लगा चुका है।
इस घटना की पुष्टि करते हुए एनएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ‘कि आईडीबीआई के साथ इसे लेकर पहले ही समझौता हो चुका है जबकि एसबीआई के साथ इस संबंध में बातचीत जारी है।’
इस बारे में एक बैंकर ने कहा कि समझौते की संरचना को अभी भी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है क्योंकि कुछ वित्तीय संस्थान अपने बड़े इक्विटी आधार को खत्म करने के बारे में सहमत नहीं दिखाई दे रहे हैं।’
एनएसई के एक अधिकारी ने कहा कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), ऐसे संस्थान जो एसएमई के लिए अलग से कारोबारी प्लेटफॉर्म की स्थापना करना चाहते हैं, उनकेलिए इसके लिए 100 करोड़ रुपये के नेट वर्थ की शर्त रखी है। इस पर एनएसई के अधिकारी ने कहा कि सेबी के इस शर्त को पूरा करना एनएसई के लिए कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि इसकेपास मजबूत पूंजी आधार है।
इसके अलावा एक्सचेंज सेबी द्वारा प्रस्तावित अन्य मानदंडों को भी पूरा करता है। इसमें ऑनलाइन सिस्टम, निरीक्षण प्रणाली, उपयुक्त जोखिम प्रबंधन प्रणाली और अलग से क्लिरिंग हाउस शामिल हैं। हालांकि एसएमई में कारोबार एनएसई के मौजूदा प्लेटफॉर्म पर ही होगा लेकिन एसबीआई, आईडीबीआई और सिडबी के नेटवर्क की भी इसमें मदद लेने की योजना है।
इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहे एक सूत्र ने कहा ‘ चूंकि इन सभी बैंकों की पूरे देश में मजबूत उपस्थिति है और छोटी कंपनियों से काफी अच्छी तरह से जुड़ी हुई हैं, इस लिहाज से इनके लिए एसएमई को ऋण देना और उन्हें सूचीबध्द करना काफी आसान और सस्ता होगा।’
दूसरी तरफ इससे बैंकों को भी फायद होगा क्योंकि उनको अलग से कारोबारी प्लेटफॉर्म शुरू करने की जरूरत नहीं होगी जबकि ऐसा नहीं होने की स्थिति में उनको अलग से ब्रांडिंग और मूल्यांकन की जरूरत होती।
उल्लेखनीय है कि बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) एसएमई के लिए इंडोनेक्स्ट के नाम से पहले ही अलग से कारोबारी प्लेटफॉर्म की शुरुआत कर चुका है। हालांकि बीएसई इस क्षेत्र पर पूरी तरह अपनी पैठ बनाने में सफल नहीं रही है।
