इंडियन एनर्जी एक्सचेंज ने इंडियन गैस एक्सचेंज की 26 फीसदी हिस्सेदारी नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया के बेच दी। यह सौदा एनएसई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक एनएसई इन्वेस्टमेंट्स के जरिए हुआ। अधिकारियों के मुताबिक, हिस्सेदारी खरीदने के बाद एनएसई अब आईजीएक्स गैस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर सह-प्रवर्तक बन गया है और दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक भी। आईईएक्स ने कहा कि उसने 5 फीसदी इक्विटी ओएनजीसी को भी बेची है।
आईजीएक्स के इलेक्ट्रिसिटी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पहले ही 5-5 फीसदी हिस्सेदारी गेल इंडिया, अदाणी टोटाल गैस और टॉरेंट गैस को बेच चुका है। हालिया बिक्री के बाद आईईएक्स के पास आईजीएक्स की बाकी 54 फीसदी हिस्सेदारी रह गई है। इसने एनएसई व आईईएक्स को दो प्रवर्तक बना दिया और बाकी इक्विटी हिस्सेदार हैं।
आईजीएक्स देश का पहला गैस एक्सचेंज है, जिसने 2 दिसंबर, 2020 को पेट्रोल व प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) से ऑथराइजेशन हासिल किया। इस पर टिप्पणी करते हुए पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव तरुण कपूर ने कहा, भारत सरकार स्थायी ऊर्जा अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जहां स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत मसलन गैस की अहम भूमिका होगी।
इंडियन गैस एक्सचेंज अभी पांच अनुबंधों की पेशकश करता है, जिसमें रोजाना, साप्ताहिक, सप्ताहांत, पखवाड़ा और मासिक अनुबंध शामिल हैं। ये तीन केंद्रों हजीरा, दहेज और केजी बेसिन में उपलब्ध हैं। एक्सचेंज के 500 से ज्यादा पंजीकृत क्लाइंट और 15 सदस्य हैं और अभी तक संचयी तौर पर 1 लाख एमएमबीटीयू गैस की ट्रेडिंग हो चुकी है। आईजीएक्स ने एक बयान में ये बातें कही।
आईजीएक्स देश के प्राकृतिक गैस कारोबार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर विचार कर रहा है। आईजीएक्स के निदेशक राजेश कुमार मेदीरत्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को पहले दिए साक्षात्कार में कहा था, हमारा मकसद हाजिर एलपीजी और देसी गैस का हिस्सा बनना होगा। देश में हाजिर गैस का बाजार कुल मांग का करीब 30 फीसदी है।
