विदेशी निवेशक समूह के बाद ब्रोकरों की लॉबी एसोसिएशन ऑफ नैशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) ने सेटलमेंट चक्र टी+1 किए जाने के प्रस्ताव पर चिंता जताई है। एएनएमआई ने बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी को लिखे पत्र में कहा है, इस कदम से ब्रोकरों की कार्यशील पूंजी की जरूरतें बढ़ेंगी, सिस्टम पर वर्कलोड बढ़ेगा और आपात स्थिति के लिए काफी कम गुंजाइश बचेगी।
पिछले महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का लॉबी समूह एशिया सिक्योरिटीज इंडस्ट्री ऐंड फाइनैंशियल मार्केट्स एसोसिएशन (एएसआईएफएमए) सेबी व वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि अगर सेटलमेंट चक्र घटाकर आधा किया जाता है तो एफपीआई को परिचालन में मुश्किलें होंगी।
एएनएमआई की चिंता बताती है कि इस कदम से देसी भागीदारोंं को भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। एएनएमआई ने कहा है, अभी भारतीय बैंकिंग सिस्टम एक दिन में चेक क्लियर करने के लिए तैयार नहीं है। दूरदराज के गांवों या शहरों के क्लाइंट आज भी रकम के लेनदेन के लिए नेट बैंंकिंग के बजाय चेक को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे में ब्रोकरों की कार्यशील पूंजी की जरूरत दोगुनी हो जाएगी। ब्रोकरों को ही पे इन व पेआउट करना होता है।
ब्रोकर लॉबी ने कहा है कि सेटलमेंट चक्र को छोटा करने से गलतियों की गुंजाइश काफी कम रहेगी। पत्र में कहा गया है, चक्रवात, भारी बारिश आदि के कारण सदस्यों के सामने कनेक्टिविटी की समस्या हो सकती है। अभी सदस्यों के पास आपात स्थिति के लिए वक्त होता है, लेकिन जब टी+1 निपटान चक्र शुरू होगा तो मुश्किलें हो सकती है और हम शायद समय पर पे इन व पेआउट को अंजाम न दे पाएं।
