तकनीकी शेयरों में बुधवार को नए सिरे से बिकवाली दिखी जब नोमूरा ने इस क्षेत्र की बढ़त की रफ्तार में तेज गिरावट को लेकर चेतावनी दी कक्योंंकि कंपनियां चुनौती भरे माहौल के बीच अपने-अपने तकनीकी खर्च कम कर रही हैं। ब्रोकरेज ने इस क्षेत्र के कई शेयरों को डाउनग्रेड कर दिया है और उनकी लक्षित कीमतों में 16 से 38 फीसदी तक की कमी की है।
नोमूरा की रिपोर्ट जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के कुछ ही दिन बाद आई है, जिसने देसी आईटी क्षेत्र में अंधकार को लेकर चेताया था क्योंंकि उसका मानना था कि राजस्व में उच्च बढ़त के दिन पीछे रह गए हैं और एबिटा मार्जिन भी नीचे आ रहा है।
बीएसई आईटी इंडेक्स 3.2 फीसदी टूटा और इस तरह से इस साल अब तक की गिरावट 26 फीसदी हो गई। मिड व स्मॉलकैप आईटी के शेयरों में और ज्यादा गिरावट आई जिसकी वजह बड़ी कंपनियों के मुकाबले उनका मूल्यांकन प्रीमियम है।
नोमूरा ने एक नोट में कहा है, मुझे लगता है कि डिजिटल कायापलट पर एंटरप्राइज की तरफ से खर्च की इच्छा जारी रहेगी, लेकिन खर्च की रफ्तार कम होने की आशंका है, जिसकी वजह राजस्व व आय में होने वाला उतारचढ़ाव है। 750 सूचीबद्ध कंपनियों के राजस्व व आय के प्रोफाइल के अध्ययन से पता चलता है कि आगामी तिमाहियों में उनके कुल वित्तीय प्रदर्शन में खासी नरमी आएगी। हम इस नमूने में शामिल फर्मों के वित्तीय प्रदर्शन व आईटी सेवा राजस्व में काफी मजबूत सहसंबंध देख रहे हैं, जो वित्त वर्ष 24 में आईटी सेवा की मांग में संभावित नरमी का संकेत दे रहा है।
आईटी शेयरों में तेजी की वजह वित्त वर्ष 22 के दौरान सालाना आधार पर राजस्व की रफ्तार मेंं हुआ इजाफा है। अग्रणी आईटी फर्मों के राजस्व में औसतन 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई, वहीं टियर-1 कंपनियों ने उसमें 25 फीसदी की उछाल देखी।
विश्लेषकों को लग रहा है कि लार्जकैप के राजस्व की रफ्तार वित्त वर्ष 23 में घटकर 13 फीसदी रह जाएगी जबकि वित्त्त वर्ष 24 में 10 फीसदी के नीचे। इसके अलावा कंपनियों को मार्जिन पर दबाव का सामना भी करना पड़ सकता है। इसने विश्लेषकों को कम आय गुणक देने के लिए प्रोत्साहित किया।
