सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही सूचकांक 9400 और 2900 अंकों के सबसे निचले स्तर पर चले गए। पर 2900 के कॉल ऑप्शंस में आउटस्टैंडिंग खरीदारी बिकवाली से ज्यादा रही।
सोमवार को बैंकों, मेटल, रियल्टी और आईटी सेक्टर के शेयरों में आई मुनाफावसूली के चलते निफ्टी 3000 के स्तर से नीचे जाकर बंद हुआ। आईसीआईसीआई बैंक और टाटा स्टील 12-12 फीसदी कम होकर बंद हुए जबकि डीएलएफ, स्टेट बैंक और टीसीएस 9-9 फीसदी कमजोर होकर बंद हुए।
निफ्टी अप्रैल वायदा का स्पॉट की तुलना में प्रीमियम 16 अंकों से कम होकर 10 अंक पर आ गया जबकि ओपन इंटरेस्ट 20.2 लाख शेयरों से कम हो गया जो संकेत है कि तेजडिए मुनाफावसूली कर रहे हैं। निफ्टी शुक्रवार के 3108 से 130 अंक गिरकर 2978 अंकों पर बंद हुआ, आंकड़ों के मुताबिक कारोबारी निफ्टी वायदा में 2990-3005 के करीब खरीदारी कर रहे थे।
आंकड़ों के मुताबिक 25 फीसदी कारोबार 2995-3000 के औसत भाव पर हुआ है जो संकेत है कि निफ्टी को 3000 से नीचे सपोर्ट मिल सकता है। इसके अलावा 2900 के पुट ऑप्शंस में 44.1 लाख शेयरों का ओपन इंटरेस्ट इस बात का संकेत है कि यह इस स्तर से नीचे नहीं जाएगा।
पुट सौदों की अनवाइंडिंग 3000 और 3100 के कॉल पर देखी गई। संकेत है कि निफ्टी 3000 से नीचे कारोबार कर सकता है जबकि 3100 और 3200 पर कॉल की बिकवाली संकेत है कि ऊपर में रेसिस्टेंस है। 2700 और 2900 के स्तरों पर तगड़ा सपोर्ट देखा जा रहा है।
वीएफएमडायरेक्ट डॉट कॉम के टेक्निकल एनालिस्ट कमलेश लांगोटे के मुताबिक बाजार में जरूरत से ज्यादा खरीदारी हो चुकी है और करेक्शन के आसार हैं। चूंकि बाजार रेसिस्टेंस के स्तरों पर कारोबार कर रहा है। इसलिए एक बाउंस देखा जा सकता है जो कारोबारियों को फिर एक बार शार्ट पोजीशन का मौका देगा।
पिछले तीन हफ्तों की रैली वॉल्यूम के सुधार के साथ रही है, इस दौरान हिस्सेदारी भी बढ़ी है और मूमेंटम भी रहा है। ऐसी ही रैली नवंबर 2008 और जनवरी 2009 के बीच देखने को मिली थी लेकिन यह सत्यम का घपला सामने आने से खत्म हो गई।
