अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति को ज्यादा आक्रामक तरीके से सख्त नहीं किए जाने से निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता बढ़ गई है और दुनिया भर के बाजारों में तेजी आई है। इसलिए करीब 19 कारोबारी सत्रों के बाद आज बेंचमार्क निफ्टी एक बार फिर 16,000 के स्तर को पार कर गया।
बढ़ती मुद्रास्फीति की चिंता ब्रेंट क्रूड और अन्य जिंसों के दाम में तेज गिरावट से भी थोड़ी कम हुई है और कंपनियों के मुनाफे में सुधार की उम्मीद भी बढ़ी है। इन सबका असर शेयर बाजार पर पड़ा है। वैश्विक बाजार में तेल के दाम पिछले एक हफ्ते में करीब 15 फीसदी नरम हुए हैं। कल ब्रेंट क्रूड 100 डॉलर प्रत बैरल से नीचे फिसल गया था।
बेहतर माहौल के बीच आज निफ्टी 143 अंक चढ़कर 16,133 पर बंद हुआ। सेंसेक्स भी 427 अंक के लाभ के साथ 54,178 पर बंद हुआ। 10 जून के बाद दोनों सूचकांकों का यह उच्चतम बंद स्तर है। 17 जून को निफ्टी घटकर 15,293 और सेंसेक्स 51,360 अंक पर चला गया था, जो मई 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है। हालांकि इसके बाद से उनमें करीब 5.5 फीसदी की उछाल आई है। जेफरीज के रणनीतिकार महेश नंदूरकर और अभिनव सिन्हा ने एक नोट में कहा है, ‘जिंसों के दाम में नरमी भारत की दोहरे घाटे की चिंता के बीच राहत की खबर है। हालिया आर्थिक कदम से भरोसा बढ़ा है कि सरकार पूंजीगत व्यय को बरकरार रखते हुए घाटे का लक्ष्य हासिल कर लेगी। हालांकि चालू खाते का घाटा अब भी चिंता का सबब है। ब्याज दर में तेजी के सकल घरेलू उत्पाद पर पड़ने वाले असर की काफी हद तक भरपाई आवास क्षेत्र में तेजी से हो सकती है।’
17 जून से 14 कारोबारी सत्रों के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी केवल पांच सत्र में गिरावट पर बंद हुए हैं। इनमें से भी चार सत्र में गिरावट आधे फीसदी तक ही रही। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली की रफ्तार कम होने से भी बाजार में उतार-चढ़ाव कम हुआ है। विदेशी निवेशकों ने आज 925 करोड़ रुपये की बिकवाली की। पिछले 15 दिनों में विदेशी निवेशकों की औसत दैनिक बिकवाली उससे पहले के पखवाड़े के 3,500 करोड़ रुपये के दैनिक औसत की तुलना में एक-तिहाई रही है। मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत के कारण अमेरिका और भारत में बॉन्ड प्रतिफल में नरमी आई है और विदेशी निवेशकों की बिकवाली की रफ्तार धीमी पड़ी है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज मेंइक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट विनोद कार्की ने कहा, ‘रूस-यूक्रेन विवाद अचानक बढ़ने से वैश्विक स्तर पर जिंसों के दाम में आई तेजी अब मंद पड़ने लगी है और माल ढुलाई किराया भी घटा है। जिंसों के दाम घटने से मुद्रास्फीति भी नरम हो रही है।’
जेफरीज ने नोट में कहा है, ‘मई के अंत में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती तथा तेल के दाम को मौजूदा दायरे में सीमित करने की संभावना से मुद्रास्फीति आरबीआई के लक्ष्य के दायरे में आ सकती है और मौजूदा 7 फीसदी से घटकर 6 फीसदी रह सकती है। हमारा अनुमान है कि आगे दरों में बढ़ोतरी 75 से 100 आधार अंक तक रह सकती है।’
खबरों के अनुसार चीन का वित्त मंत्रालय 220 अरब डॉलर के विशेष बॉन्ड की बिक्री की अनुमति दिए जाने पर विचार कर रहा है। इसका धातु शेयरों पर सकारात्मक असर पड़ा है। बीएसई धातु सूचकांक 4.5 फीसदी चढ़ा है और क्षेत्रवार सूचकांकों में इसका प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। सेंसेक्स में करीब दो-तिहाई शेयर लाभ में बंद हुए।
कोटक सिक्यारिटीज में इक्विटी रिसर्च (रिटेल) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘वैश्विक बाजार में तेजी और स्थानीय शेयरों में शॉर्ट कवरिंग से निफ्टी और सेंसेक्स को अपने मनौवैज्ञानिक स्तर से ऊपर पहुंचने में मदद मिली। हालिया गिरावट के बाद मूल्यांकन भी उच्चतम स्तर से कम हुआ है जिससे निवेशकों के बीच लिवाली की गुंजाइश बनी है।’
