विदेशी निवेशकों की खरीदारी के बीच बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स मंगलवार को 13,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार निकल गया। अमेरिका मेंं चुने गए राष्ट्रपति जो बाइडन की तरफ से सत्ता की ओर कदम रखने की शुरुआत के बाद अनुकूल वैश्विक संकेतकों ने भी धारणा को मजबूत किया। फेडरल रिजर्व की पूर्व चेयरमैन जेनेत येलन को ट्रेजरी सचिव नामांकित करने की बाइडन की योजना का भी बाजार ने स्वागत किया।
बेंचमार्क निफ्टी 128 अंकों की मजबूती के साथ 13,055 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 446 अंक चढ़कर 44,523 अंक पर बंद हुआ। मंगलवार की तेजी में बैंंकिंग शेयरों में फिर से खरीदारी की हुई शुरुआत का योगदान रहा। कोविड-19 के टीके पर प्रगति ने भी आर्थिक सुधार की रफ्तार तेज होने की उम्मीद जगाई। पिछले साल जून में निफ्टी ने पहली बार 12,000 अंकों को पार किया था। 1,000 अंक चढऩे में इंडेक्स ने 368 कारोबारी सत्र लगाए। इस बीच, यह मार्च में बिकवाली के कारण 8,000 के नीचे भी चला गया था।
7 अरब डॉलर से ज्यादा के विदेशी निवेश की पृष्ठभूमि में इस महीने बाजार में 12 फीसदी से ज्यादा की उछाल आई है। अमेरिकी चुनाव के नतीजे और कोविड-19 के ट्रायल पर हुई प्रगति से खरीदारी की धारणा मजबूत हुई। मार्सेलस इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक सौरभ मुखर्जी ने कहा, पिछले हफ्ते तक टीके को लेकर कई तरह की चिंता थी। टीके के वितरण को लेकर लॉजिस्टिक्स की समस्या और उसके कारगर होने को लेकर। अब भारतीय को टीके की उपलब्धता को लेकर परिदृश्य काफी स्पष्ट हो गया है।
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि उनका प्रशासन सत्ता संभालने के मामले में जो बाइडन की टीम के साथ पूरा सहयोग करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा तब आई जब मिशिगन बोर्ड ने बाइडन को विजेता करार दिया। इसके अतिरिक्त रिपब्लिकन पार्टी के सांसद और कारोबारी नेता ट्रंप पर सत्ता हस्तांतरण शुरू करने का दबाव बना रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने जनरल सर्विस एडमिस्ट्रिेशन से कह दिया है। शुरुआती प्रोटोकॉल के लिए यह एजेंसी ट्रांजिशन रिर्सोसेस उपलब्ध कराती है।
बेंचमार्क सूचकांक में अच्छे खासे भारांक वाले बैंंकिंग व वित्तीय कंपनियों के शेयरों में इस आशावाद मेंं तेजी जारी रही कि आरबीआई कार्यसमूह की सिफारिशें स्वीकार कर लेगा। कार्यसमूह ने बड़ी एनबीएफसी को बैंकों में तब्दील करने समेत कई सुझाव दिए हैं। हालांकि विश्लेषकों ने जरूरत से ज्यादा उत्साह के खिलाफ निवेशकों को चेताया क्योंकि आरबीआई बैंंक लाइसेंस देने से पहले हमेशा ही चौकन्ना रहा है।
डाल्टन कैपिटल के निदेशक यू आर भट्ट ने कहा, यह किसी समिति की सिफारिश मात्र है और हमें नहींं पता कि क्या आरबीआई इसी हिसाब से सोच रहा है। कुछ ठोस उभरने के लिए कई कानूनों में बदलाव की दरकार होती है।
विदेशी निवेश अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के कारण मजबूत हुआ है। विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशक केंद्र की नीतिगत घोषणा पर नजर रखेंगे और दिसंबर तिमाही में कंपनियों के नतीजे पर भी ध्यान देंगे। मुखर्जी ने कहा, लॉकडाउन के दौरान लागत नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों के कारण दिसंबर तिमाही के नतीजे में सुधार दिख सकता है। अगले साल के पहले तीन महीने में लोकतांत्रिक प्रशासन के नीतिगत कदम बाजार की चाल को दिशा देंगे।
हालांकि विशेषज्ञों ने निवेशकों को चेतावनी देते हुए कहा कि पर्याप्त जोखिम ऐसे हैं जो बाजार को संकेत दे सकते हैं। भट्ट ने कहा, हर जगह फिर से लॉकडाउन हो रहा है। ये स्तर निश्चित तौर पर मूल्यांकन का समर्थन नहींं करते जबकि निवेश प्रवाह उन्हें सहारा देते हैं और अमेरिका में नए प्रोत्साहन से प्रवाह प्रभावित हो सकता है। इन चीजों पर ध्यान नहींं दिया गया है।
