बाजार में हुई बड़ी गिरावट खुदरा निवेशकोंं की अवधारणा पर चोट पहुंचाने में नाकाम रही क्योंंकि निवेशकों ने इक्विटी योजनाओं में फरवरी के दौरान 19,705 करोड़ रुपये का निवेश किया। इक्विटी श्रेणी में निवेश का यह लगातार 12वां महीना था।
उद्योग निकाय एम्फी के आंकड़ों से पता चलता है कि इक्विटी फंडोंं की 11 श्रेणियों में शुद्ध निवेश हासिल हुआ। इक्विटी श्रेणियों में फ्लेक्सीकैप और सेक्टोरल फंडों में क्रमश: 3,873.56 करोड़ रुपये व 3,441 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ।
एसआईपी के जरिए मजबूत निवेश जारी रहा और उसमें कुल 11,437.70 करोड़ रुपये का निवेश हासिल हुआ, जो जनवरी के मुकाबले महज 79 करोड़ रुपये कम है।
एसआईपी की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां फरवरी में घटकर 5.49 लाख करोड़ रुपये रह गई, जो जनवरी में 5.76 लाख करोड़ रुपये रही थी और गिरावट की वजह बाजार में आई नरमी थी।
फरवरी में एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स करीब 3 फीसदी टूटा जबकि बीएसई मिडकैप इंडेक्स व बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमश: 5 फीसदी व 8.8 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
सुंदरम एमएफ के प्रबंध निदेशक सुनील सुब्रमण्यम ने कहा, निवेशकोंं को अहसास हो गया है कि बाजार की गिरावट भारत की बढ़त की कहानी को पटरी से नहीं उतारने जा रही। हां, मौजूदा युद्ध के कारण अल्पावधि का कुछ असर दिख सकता है, लेकिन लंबी अवधि वाले निवेशकोंं ने भारत पर भरोसा जताया है। फरवरी में इक्विटी फंडों से निवेश निकासी भी जनवरी के मुकाबले कम रही।
फरवरी में 14,072 करोड़ रुपये की निवेश निकासी हुई जबकि जनवरी में 18,346 करोड़ रुपये निकाले गए थे। बाजार की चाल को देखते हुए निवेश निकासी पर दबाव बढऩे की आशंका है।
बाजार के भागीदारों ने कहा कि बाजार में गिरावट के बावजूद निवेशकों ने एसआईपी के जरिए निवेश जारी रखा। कई निवेशकों को बाजार की गिरावट खरीदारी का अच्छा मौका दिखता है, जो मार्च 2020 से अक्टूबर 2021 के बीच लगातार चढ़ता रहा है।
एमएफ उद्योग ने फरवरी में कुल मिलाकर 31,533 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल किया और औसत एयूएम 38.6 लाख करोड़ रुपये रहा।
डॉलर के मुकाबले रुपये में 44 फीसदी की बढ़त
घरेलू शेयर बाजारों में तेजी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बीच अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को रुपया 44 पैसे मजबूत होकर 76.56 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 76.90 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 76.55 प्रति डॉलर के उच्चस्तर तक गया और 76.92 के निचले स्तर तक आया। अंत में रुपया 15:30 बजे तक 76.56 प्रति डॉलर के स्तर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 44 पैसे की बढ़त को दर्शाता है।
इससे पहले मंगलवार को रुपया कच्चे तेल की कीमतों में छलांग के बीच सात पैसे टूटकर 77 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा कि जोखिम वाली संपत्तियों में वापस निवेश और बॉन्ड बाजारों में प्रवाह बढऩे की उम्मीदों के बाद रुपये में मजबूती देखी गई। इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर का रुख दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.40 फीसदी की गिरावट लेकर 98.66 पर रहा। वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.88 फीसदी की गिरावट के साथ 125.57 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। भाषा