इक्विटी म्युचुअल फंडों में 2021-22 के दौरान शुद्ध रूप से 1.64 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ जबकि इससे पिछले साल 25,967 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी देखने को मिली थी। शुद्ध इक्विटी निवेश में बढ़ोतरी को इक्विटी बाजारों में उछाल और एसआईपी में निवेशकों की सतत भागीदारी व नए फंड ऑफर की कामयाबी से सहारा मिला।
मार्च में इक्विटी फंडों ने रिकॉर्ड 28,463 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल किया। वित्त वर्ष 22 में कुल मिलाकर तीन महीने ऐसे थे जब इक्विटी फंडों में मासिक 20,000 करोड़ रुपये का निवेश हासिल हुआ। जुलाई व सितंबर में इक्विटी फंडों मेंं क्रमश: 22,583 करोड़ रुपये व 25,082 करोड़ का शुद्ध निवेश हुआ था।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, इक्विटी योजनाओं ने मार्च 2021 के बाद से लगातार शुद्ध निवेश हासिल किया है जब कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को प्रभावित किया और शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज हुई। चिंता के बावजूद लंबी अवधि के लिहाज से बढ़त का परिदृश्य मजबूत बना हुआ है, जिससे निवेशकों के बीच सकारात्मक अवधारणा बने रहने में मदद मिली। साथ ही यह अवधारणा कि रुक-रुककर गिरावट के बावजूद बाजारों में बढ़त जारी रहेगी, इसने भी कई निवेशकों को गिरावट में खरीदारी के लिए प्रोत्साहित किया।
पिछले पांच वित्त वर्ष में इक्विटी फंडों ने तीन मौकों पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का शुद्ध निवेश हासिल किया। वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में इक्विटी फंडों ने क्रमश: 1.71 लाख करोड़ रुपये व 1.11 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल किया। इन आंकड़ों में शुद्ध इक्विटी निवेश व ईएलएसएस में आया निवेश शामिल है।
एमएफ उद्योग की औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां भी मार्च में 37.70 लाख करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले के 32.17 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले करीब 17 फीसदी ज्यादा है।
पिछले 12 महीने में एमएफ उद्योग ने 1.09 करोड़ यूनिक इन्वेस्टर्स जोड़े हैं, जो म्युचुअल फंडों को एक परिसंपत्ति वर्ग के तौर देखने के मामले में निवेशकों के भरोसे को प्रतिबिंबित करता है।
एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध, फेड के कदम या र्ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण बढ़ती महंगाई ने भी भारत की बढ़त की कहानी को लेकर निवेशकों का भरोसा कमजोर नहीं किया है।
वित्त वर्ष 22 में एसआईपी के जरिये 1.24 लाख करोड़ रुपये निवेश हुए, जो 2020-21 में 96,080 करोड़ रुपये रहा था। मार्च में एसआईपी के जरिए रिकॉर्ड 12,328 करोड़ रुपये हासिल हुए थे।
एसआईपी के अलावा एनएफओ ने भी उद्योग को निवेश हासिल करने में मदद की। मार्च में एसबीआई मल्टीकैप फंड के एनएफओ ने 8,170 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया। पिछले वित्त वर्ष में इक्विटी फंडों ने विभिन्न एनएफओ को जरिये करीब 53,500 करोड़ रुपये संग्रहित किए थे।
मार्च में इक्विटी फंडों की सभी श्रेणियों में शुद्ध निवेश हासिल हुआ जबकि डेट फंडों से 1.14 लाख करोड़ रुपये की निवेश निकासी हुई। इस निकासी की अगुआई लिक्विड व ओवरनाइट फंडों से उच्च निवेश निकासी ने की।
वेंकटेश ने कहा, फिक्स्ड इनकम योजनाओं की बात करें तो तिमाही के आखिर में कर संग्रह और आरबीआई के रुख में बदलाव को लेकर अनिश्चितता आदि के कारण कुल निवेश नकारात्मक क्षेत्र में चला गया।
एमएफ उद्योग को उम्मीद है कि इक्विटी फंडों में सकारात्मक निवेश जारी रहेगा, जिसे मजबूत एसआईपी बुक का भी सहारा मिलेगा।
