नवी म्युचुअल फंड ने शुक्रवार को बाजार नियामक सेबी के पास चार पैसिव फंडों के लिए पेशकश दस्तावेज जमा कराए। इन योजनाओं के जरिये नई तकनीक, चीन की इक्विटी और देसी विनिर्माण पर केंद्रित कंपनियों में निवेश किया जाएगा। पिछले दो महीने में फंड हाउस ने करीब 14 योजनाओं के लिए दस्तावेज जमा कराए हैं और सभी पैसिव इन्वेस्टमेंट क्षेत्र में हैं। अगस्त में नवी एमएफ ने एक दिन मे सेबी के पास सात पेशकश दस्तावेज जमा कराए थे।
पैसिव फंड का लक्ष्य किसी खास इंडेक्स या प्रतिभूतियों के बास्केट के प्रदर्शन का दोहराव करने का होता है। ऐक्टिव म्युचुअल फंडों के पास प्रोफेशनल इन्वेस्टमेंट टीम होती है, जो स्वविवेक के आधार पर शेयरों का चयन कर इंडेक्स बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन की कोशिश करती है।
पैसिव फंड कर के लिहाज से बेहतर होते हैं और ऐक्टिव फंडों के मुकाबले उसका खर्च अनुपात कम होता है। जुलाई में फंड हाउस ने नवी निफ्टी इंडेक्स फंड पेश किया था, जिसका खर्च अनुपात 0.06 फीसदी है, जो इंडेक्स योजनाओं की श्रेणी में सबसे कम है।
पैसिव फंडों की मांग में पिछले कुछ साल में काफी तेजी आई है क्योंकि लार्जकैप इक्विटी फंडों का प्रदर्शन कमजोर हुआ है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले एक साल में 10 सबसे अच्छे प्रदर्शन वाली योजनाओं मेंआठ योजनाएं पैसिव थी। लार्जकैप फंडों ने पिछले एक साल में औसतन 53.7 फीसदी का रिटर्न दिया है।
इंडेक्स फंड, ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स से जुड़ी योजनाओं ने अपनी परिसंपत्तियों में इजाफा देखा है। उद्योग संगठन एम्फी के आंकड़ो से पता चलता है कि ऐसी योजनाओं की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां मार्च 2020 के 1.65 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले मार्च 2021 में 3.21 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
अगस्त के आखिर में ऐसी योजनाओं का शुद्ध एयूएम 4.12 लाख करोड़ रुपये था। पिछले एक साल में पहली बार निवेशक करने वालों ने एमएफ में पैसिव योजनाओं के जरिए निवेश शुरू किया है, यह कहना है बाजार के भागीदारों का।