पिछले करीब 6 महीनों में भारी बिकवाली के बाद आर्बिट्राज फंडों में तीन महीने से शुद्ध पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया है। इन म्युचुअल फंड (MF) योजनाओं के प्रदर्शन में सुधार के बाद इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच रुझान में यह बदलाव देखा गया है।
जून और नवंबर के बीच निवेशकों ने आर्बिट्राज फंडों से 31,000 करोड़ रुपये निकाले थे। एम्फी के आंकड़े से पता चलता है कि पिछले तीन महीने में निवेशकों ने इन योजनाओं में करीब 3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
आर्बिट्राज फंड कम जोखिम वाली इक्विटी योजनाएं होती हैं और इनके प्रतिफल की तुलना डेट MF सेगमेंट में लिक्विड फंडों से की जाती है। ये योजनाएं पूरी तरह से सुरक्षित इक्विटी पोजीशन से जुड़ी होती हैं और इनमें शेयर वायदा और संबद्ध शेयर की कीमतों में अंतर से प्रतिफल हासिल होता है।
इसलिए, आर्बिट्राज फंडों का प्रदर्शन नकदी बाजार और वायदा बाजार में इक्विटी के कीमत अंतर पर निर्भर करता है। फंड प्रबंधकों के अनुसार, हाल के समय में इस अंतर में सुधार आया है जिससे बेहतर प्रतिफल को बढ़ावा मिला है।
वैल्यू रिसर्च के आंकड़े से पता चलता है कि कई आर्बिट्राज योजनाओं का प्रदर्शन हाल में तेजी से सुधरा है। उदाहरण के लिए, हाइब्रिड योजनाओं का औसत मासिक प्रतिफल पिछले तीन महीने में 0.6 प्रतिशत रहा, जबकि पिछले 6 महीने में यह आंकड़ा 0.6 प्रतिशत था।
आर्बिट्राज फंड प्रबंधकों को हाल के महीनों में इक्विटी बाजार में जारी उतार-चढ़ाव का लाभ मिला है।
मनी मंत्र के संस्थापक विरल भट्ट का कहना है, ‘आर्बिट्राज फंडों में ज्यादा उतार-चढ़ाव की अवधि के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना रहती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार के ऐसे दौर में आर्बिट्राज अवसर बढ़ जाते हैं।’
मॉर्निंगस्टार इंडिया के धवल कपाडिया का मानना है कि आर्बिट्राज फंडों का प्रतिफल काफी हद तक मनी मार्केट दरों के अनुरूप रहता है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवायजर इंडिया के निदेशक (पोर्टफोलियो स्पेशलिस्ट) कपाडिया का कहना है, ‘इनमें मनी मार्केट दरों के अनुकूल प्रदर्शन करने की संभावना होती है। वहीं ब्याज दर वृद्धि के परिवेश में आर्बिट्राज फंडों ने बेहतर प्रदर्शन शुरू किया है।’
इन योजनाओं में प्रतिफल कुछ हद तक लिक्विड फंडों के मुकाबले ज्यादा रहता है, क्योंकि आर्बिट्राज योजनाएं अपने डेट समकक्ष के मुकाबले दोहरे लाभ की पेशकश करती है। आर्बिट्राज फंड कराधान के मोर्चे पर अपने डेट प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अलग होते हैं, क्योंकि इन पर इक्विटी फंडों की तरह कर लगता है।