इस साल मार्च का महीना म्युचुअल फंड उद्योग के लिए खासा नुकसानदेह रहा है।
इस महीने म्युचुअल फंड उद्योग को 1 लाख करोड़ रुपये का चुना लगा है जिसकी प्रमुख वजह बैंकों और संस्थागत निवेशकों द्वारा मनी मार्केट फंड से समय से पहले निवेश की निकासी रही है।
म्युचुअल फंड उद्योग का डेट पेपर्स यानी सर्टिफिकेट्स ऑफ डिपॉजिट (सीडी), व्यवसायिक प्रपत्रों (सीपी) और कोलेटराइज्ड बोरोइंग लेंडिंग ऑब्लिगेश (सीबीएलओ) में कुल निवेश फरवरी के अंत में 1,84,000 करोड रुपये रहा है। उद्योग जगत के जानकारों का कहना है कि मार्च के अंत तक इनके कोष में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
इस बारे में यूटीआई ऐसेट मैंनेजमेंट कंपनी के मुख्य विपणन अधिकारी जयदीप भट्टाचार्य ने कहा कि बैंक और संस्थागत निवेशकों के मार्च के अंतिम सप्ताह में समय से पहले अपने निवेश की निकासी के कारण म्युचअल फंड उद्योग को 1 लाख करोड़ रुपये का चुना लगा है। हालांकि फंड प्रबंधकों मानना है कि 10 अप्रैल तक 80 फीसदी राशि की वापसी हो जाएगी।
