म्युचुअल फंड उद्योग की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) पिछल दशक में करीब 5 गुना बढ़ी है। अक्टूबर के आखिर में एमएफ उद्योग की परिसंपत्तियां 28.2 लाख करोड़ रुपये रही, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है जबकि एक दशक पहले कुल परिसंपत्तियां 6.5 लाख करोड़ रुपये थीं। उद्योग ने मई 2014 में 10 लाख करोड़ रुपये के एयूएम का आंकड़ा छू लिया था। अगला 10 लाख करोड़ रुपये महज तीन साल यानी 2017 में आ गया। उसके बाद बढ़त की रफ्तार थोड़ी नरम हो गई।
डेट के क्षेत्र में क्रेडिट का संकट, उतारचढ़ाव और इक्विटी क्षेत्र में निवेश निकासी के दबाव के अलावा नियामकीय बदलाव से पिछले कुछ सालों में बढ़त की रफ्तार पर असर पड़ा है। मार्च में उद्योग का एयूएम 18 महीने के निचले स्तर 22.3 लाख करोड़ रुपये पर आ गया जब कोविड-19 महामारी के कारण अप्रत्याशित बिकवाली शुरू हुई। इक्विटी बाजार में तीव्र सुधार और डेट के क्षेत्र में निवेश में सुधार से उद्योग को अपनी खोई जमीन हासिल करने में मदद मिली।
पिछले दशक में इक्विटी-डेट मिक्स मोटे तौर पर स्थिर बना रहा और इक्विटी ने कुल एयूएम में करीब 28 फीसदी का योगदान किया। विश्लेषकों ने कहा, म्युचुअल फंड निवेश को लेकर बढ़ती जागरूकता, इसके कम विस्तार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश में सहूलियत आगामी दशक में बढ़त को रफ्तार देगा।
