एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) जैसे गैर-सक्रिय प्रबंधित उत्पादों के लिए निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। निवेशक सक्रिय रूप से प्रबंधित इक्विटी फंडों के विकल्पों पर अपना ध्यान बढ़ा रहे हैं।
उद्योग के अनुमानों के अनुसार, जुलाई में ईटीएफ द्वारा 700 करोड़ रुपये से ज्यादा का शुद्घ प्रवाह दर्ज किए जाने की संभावना है जबकि इक्विी फंडों में निवेश प्रवाह कमजोर रह सकता है। जून में ईटीएफ ने 4,092 करोड़ रुपये का शुद्घ प्रवाह दर्ज किया था, जो उससे पूर्ववर्ती महीने के मुकाबले चार गुना था।
निप्पॉन इंडिया ऐसेट मैनेजमेंट के ईटीएफ प्रमुख विशाल जैन ने कहा, ‘सस्ते उत्पादों पर ध्यान दे रहे अमीर निवेशकों (एचएनआई) और अल्टा-एचएनआई से बड़ी रकम कुछ वर्षों के दौरान ईटीएफ में आई है।’
जैन ने कहा, ‘हाल के समय में, कोरोनावायरस महामारी से अनिश्चितता पैदा हुई है, क्योंकि निवेशक इसे लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि कौन सा क्षेत्र या शेयर मौजूदा परिवेश में मजबूत बना रहेगा, जिसकी वजह से वे निफ्टी ईटीएफ जैसे सूचकांक-आधारित ईटीएफ पर ध्यान दे रहे हैं जो अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों का पोर्टफोलियो प्रदान करते हैं।’
जहां इस साल के शुरू से (मासिक औसत परिसंपत्तियों के संदर्भ में) इक्विटी फंडों की परिसंपत्ति में 12 प्रतिशत की कमजोरी आई है, वहीं ईटीएफ ने समान अवधि में 4 प्रतिशत से कुछ ज्यादा की गिरावट दर्ज की।
प्लान रुपी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के संस्थापक अमोल जोशी ने कहा, ‘निवेशक गैर-सक्रिय प्रबंधित उत्पादों पर ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि सक्रिय तौर पर प्रबंधित इक्विटी फंडों ने निवेशकों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया है।’
कुछ खास फंड हाउसों में, ज्यादा ईटीएफ योनाएं पेश की जा रही हैं या इनकी मंजूरी के लिए बाजार नियामक सेबी के समक्ष आवेदन किया गया है।
हाल में, ऐक्सिस एमएफ ने बैंकिंग ईटीएफ के लिए आवेदन किया। एसबीआई एमएफ ने निजी बैंकों पर केंद्रित ईटीएफ के लिए आवेदन किया।
3 अगस्त को आईसीआईसीआई एमएफ ने अल्फा लो वॉल्यूम 30 ईटीएफ के लिए नए फंड ऑफर (एनएफओ) की पेशकश की है, जो निफ्टी अल्फा लो वॉलैटिलिटी 30 इंडेक्स के प्रदर्शन पर केंद्रित होगा। यह एनएफ 10 अगस्त को बंद हो रहा है।
आईसीआईसीआई एमएफ के एनएफओ से निवेशकों को एकल निवेश रणनीति के बजाय ईटीएफ में मल्टी-फैक्टर रणनीति पर दांव लगाने का मौका मिलेगा।
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक स्मार्ट-बीटा उत्पादों के बारे में ज्यादा जागरूक हो रहे हैं, जिससे निष्क्रिय तौर पर पोर्टफोलियो का प्रबंधन हो सकता है, साथ ही जोखिम भी नियंत्रित बना रह सकता है।
जोशी ने कहा, ‘निवेशक जागरूकता बढ़ी है। वे उन उत्पादों का दायरा समझते हैं जो उद्योग में पेश किए जा रहे हैं।’
डिजिटल निवेश प्लेटफॉर्म ग्रो के सह-संस्थापक हर्ष जैन ने कहा, ‘ईटीएफ के लिए निवेशक मांग बढ़ी है। हमारा प्लेटफॉर्म जल्द ही ईटीएफ लेनदेन को भी सक्षम बनाएगा।’
इस बीच, सलाहकार यह समझा रहे हैं कि एक्टिवली-मैनेज्ड यानी सक्रिय तौर पर प्रबंधित इक्विटी फंडों में जुलाई में भारी बिकवाली दबाव देखा गया है। जून में ईटीएफ में औसत निवेशक परिसंपत्तियां 1.7 लाख करोड़ रुपये पर दर्ज की गई थीं। इक्विटी फंडों ने 6.89 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का प्रबंधन किया।
बैंक ऑफ इंडिया के मुनाफे में तिगुनी बढ़ोतरी
सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 843.60 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बैंक पर फंसे कर्ज का बोझ कम होने से मुनाफा बढ़ा है। शेयर बाजारों को भेजी नियामकीय सूचना में बीओआई ने कहा की अप्रैल से जून 2020 की तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर एक साल पहले के 11,526.95 करोड़ रुपये से बढ़कर 11,941.52 करोड़ रुपये हो गई। संपत्ति के मोर्चे पर बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 30 जून 2020 को घटकर 13.91 प्रतिशत रह गईं। एक साल पहले इसी अवधि में यह 16.50 प्रतिशत थी। वहीं शुद्ध एनपीए भी आलोच्य अवधि में 5.79 प्रतिशत से घटकर 3.58 प्रतिशत रह गया। भाषा