घरेलू परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को जल्द ही अपनी योजनाओं में काफी अधिक राशि का निवेश करना होगा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एएमसी और यूनिट धारकों के हितों को तवज्जो देने के मकसद से एक मसौदे का प्रारूप जारी किया है। इसके तहत अब एएमसी को अलग-अलग योजनाओं के जोखिम के स्तर के आधार पर योजना राशि के 0.03 फीसदी और 0.13 फीसदी के बीच निवेश करना होगा।
बिज़नेस स्टैंडर्ड की गणना के मुताबिक, नए दिशानिर्देशों के तहत शीर्ष 10 सक्रिय इक्विटी योजनाओं को परिसंपत्ति के लिहाज से सामूहिक रूप से करीब 365 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा जो मौजूदा 50 लाख रुपये के अनिवार्य निवेश से काफी अधिक है। सेबी ने नए दिशानिर्देशों पर अमल करने के लिए फंड कंपनियों को मई 2022 तक का समय दिया है। फिलहाल फंड कंपनियों को प्रत्येक योजना के आधार पर अधिकतम 50 लाख रुपये का निवेश करना होता है।
अगस्त में सेबी के बोर्ड ने ऊपरी सीमा खत्म कर दी और इसके बजाय निवेश को फंड की राशि और जोखिम से जोड़ दिया ताकि इसमें म्युचुअल फंड कंपनियों की ज्यादा जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। अगर जोखिम मूल्य एक से कम या बराबर है तब म्युचुअल फंडों को योजना में 0.03 फीसदी निवेश करने की जरूरत है जबकि अगर जोखिम मूल्य पांच से ज्यादा है तब योजना के प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) के 0.13 फीसदी हिस्से का निवेश इस योजना में किया जाएगा। देश की सबसे बड़ी सक्रिय रूप से प्रबंधित इक्विटी योजनाओं का संचालन करने वाली एएमसी को अपने निवेश को 10 गुना तक बढ़ाना पड़ सकता है।
यूनियन एएमसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जी प्रदीप कुमार ने कहा, ‘इससे यह सुनिश्चित होगा कि योजनाओं में म्युचुअल फंड कंपनियों द्वारा निवेश, योजना और एयूएम के जोखिम के अनुरूप होगा। जैसे-जैसे योजना का आकार बढ़ता है, एएमसी को अधिक पूंजी का निवेश करना पड़ेगा। यह एक स्वागत योग्य कदम है और इससे एएमसी के हितों को यूनिटधारकों केसाथ बेहद करीब से जोडऩे में मदद मिलेगी।’
नियामक ने अपने परिपत्र में कहा है कि तत्काल पिछले महीने के जोखिम आकलन प्रारूप के अनुसार योजना के जोखिम मूल्य पर विचार किया जाएगा और योजना की अवधि पूरी होने तक निवेश को समयानुकूल तरीके से बरकरार रखा जाएगा। सेबी के परिपत्र में कहा गया है, ‘एएमसी अपनी हैसियत से निवेश कर सकती हैं या जरूरत पडऩे पर प्रायोजक इन उत्तरदायित्वों को पूरा कराने में मदद देने के लिए एएमसी की फंडिंग कर सकते हैं। हालांकि, एएमसी को लगातार दो तिमाहियों के लिए बाजार के नुकसान के लिए अस्थायी सीमा को बरकरार रखने के मामले में म्युचुअल फंड नियमन का पालन करने के लिए न्यूनतम नेटवर्थ में कमी को बेहतर करने की आवश्यकता होगी।’