मीडिया क्षेत्र प्रमुख क्षेत्रीय सूचकांकों में सबसे खराब प्रदर्शन वाला रहा है और अगस्त के शुरू से लेकर 6 सितंबर तक इनमें 11 प्रतिशत से ज्यादा की कमजोरी आई है, जबकि बेंचमार्कों में 10.9 प्रतिशत की तेजी आई है। मीडिया क्षेत्र के शेयरों में यह कमजोरी काफी हद तक जी एंटरटेनमेंट और सन टीवी नेटवर्क की वजह से आई है जिनमें इस अवधि में 11-15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। एक साल की अवधि में भी यह क्षेत्र 20 प्रतिशत से ज्यादा के अंतर से सभी प्रतिस्पर्धियों से पीछे रहा है।
विज्ञापन राजस्व में धीमे सुधार, नए टैरिफ ऑर्डर 2.0 की वजह से सदस्यता राजस्व को लेकर अनिश्चितता और डिजिटल सेगमेंट में मौजूदा निवेश से प्रसारकों के राजस्व और मुनाफे पर दबाव पड़ रहा है। अल्पावधि अनिश्चितता से जी एंटरटेनमेंट और सन टीवी को या तो वित्त वर्ष 2022 के लिए अनुमानों में कमी लाने या फिलहाल इससे परहेज करने के लिए बाध्य होना पड़ा है।
सुस्त विज्ञापन वृद्घि इस क्षेत्र के लिए मुख्य चिंता रही है और जून तिमाही के परिणाम में इसका असर दिखा है। हालांकि प्रभाव कोविड-19 की पहली लहर जैसा नहीं दिखा, क्योंकि विज्ञापन राजस्व वृद्घि जी एंटरटेनमेंट के लिए एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले दोगुनी रही है, जो तिमाही आधार पर 17.5 प्रतिशत नीचे थी। कंपनियों ने नए उत्पादों की पेशकश पर सतर्कता बरती है और तीसरी लहर की चिंता से विज्ञापन खर्च प्रभावित हुआ है।
एफएमसीजी क्षेत्र की कंपनियों ने खर्च में कटौती नहीं की है। हालांकि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के संजेश जैन का मानना है कि मुख्य विज्ञापनदाता भारी उत्पादन लागत वृद्घि को देखते हुए विज्ञापन खर्च पर सतर्क बने रहेंगे।विज्ञापन राजस्व पर प्रभाव सन टीवी नेटवर्क के लिए समान बना रहा। पहली तिमाही में बिक्री सालाना आधार पर 93 प्रतिशत तक बढ़ी, लेकिन तिमाही आधार पर इसमें 23 प्रतिशत की कमी आई। लॉकडाउन की वजह से विज्ञापन राजस्व मई और जून में घट गया। तमिलनाडु में बाजार काफी धीमी गति से खुलने के कारण स्थानीय विज्ञापनदाताओं और रिटेलरों से खर्च प्रभावित हुआ है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट रिसर्च के भूपेंद्र तिवारी का मानना है कि तमिल भाषा में बाजार भागीदारी में लगातार सुधार और तेलुगू तथा मलयालम में बड़ी पेशकशें विज्ञापन श्रेणी के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगी। हालांकि पिछले साल के निचले स्तरों से अच्छी रिकवरी आई है, लेकिन दोनों प्रसारकों के लिए विज्ञापन राजस्व कोविड-पूर्व अवधि (वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही) के मुकाबले 23-26 प्रतिशत कम है। अन्य दबाव सदस्यता राजस्व से जुड़ी अनिश्चितता को लेकर है। उदाहरण के लिए, सन ने घरेलू सदस्यता राजस्व में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की कमी दर्ज की, क्योंकि न्यू टैरिफ 2.0 पर अनिश्चितता की वजह से कंटेंट सौदों के नवीकरण में विलंब हुआ था। इस मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में की जा रही है। सन टीवी प्रबंधन को राजस्व पर बहुत ज्यादा प्रभाव पडऩे की आशंका नहीं दिख रही है, लेकिन वह सदस्यता राजस्व अनुमान मुहैया कराने से परहेज कर रहा है। जहां कंपनी को वित्त वर्ष 2022 में वृद्घि की संभावना है, वहीं आईआईएफएल सिक्योरिटीज के बालाजी सुब्रमण्यन और जी वी गिरि का कहना है कि यह अनुमान चौथी तिमाही परिणामों के बाद जताए गए दो अंक की वृद्घि के अनुमान से काफी नीचे रह सकता है।