ओमीक्रोन स्वरूप के कारण कोविड के बढ़ते मामलों से शेयरों में बिकवाली बढ़ी है, जिससे आज बेंचमार्क सूचकांकों में भारी गिरावट आई। सेंसेक्स 1189 अंक या 2.09 फीसदी लुढ़ककर 55,822 पर बंद हुआ। सेंसेक्स की आज की गिरावट 26 नवंबर 2021 के बाद सबसे अधिक है। दूसरी तरफ निफ्टी 371 अंक या 2.2 फीसदी फिसलकर सत्र के आखिर में 16,614 पर बंद हुआ। आज की गिरावट में निवेशकों ने 6.8 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति गंवा दी। पिछले छह सत्रों में बेंचमार्क सेेंसेक्स 4 फीसदी या 2,461 अंक लुढ़का है।
दुनिया भर, खास तौर पर यूरोप में ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों के कारण आर्थिक सुधार को लेकर चिंता बढ़ी है। विश्लेषकों ने कहा कि नई बंदिशें शुरुआती आर्थिक सुधार को पटरी से उतार सकती हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि मौजूदा टीकों के नए स्वरूप पर कम प्रभावी रहने की खबरों से भी निवेशकों की चिंता बढ़ रही है। यूरोप में कुछ देशों नेे ओमीक्रोन स्वरूप के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन लगा दिए हैं, जबकि कुछ इस पर विचार कर रहे हैं। सप्ताहांत के दौरान नीदरलैंड ने 14 जनवरी तक कड़े लॉकडाउन की घोषणा कर दी और इस अवधि में सभी गैर-जरूरी दुकानों को बंद करने का आदेश दिया। इस बीच फ्रांस ने नए साल के लिए सार्वजनिक संगीत समारोहों और आतिशबाजी पर रोक लगा दी है और अपने नागरिकों से अधिक भीड़-भाड़ से बचने को कहा है। अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने जनता से बूस्टर खुराक लगवाने और सर्दियों के अवकाश के दौरान यात्रा करते समय आवश्यक एहतियात बरतने का का आग्रह किया है। इस समय भारत के 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमीक्रोन के 161 मामले हैं। वैलेटिंस एडवाइजर्स के संस्थापक ज्यातिवर्धन जयपुरिया ने कहा, ‘बाजारों ने अच्छा प्रदर्शन किया है और मूल्यांकन काफी महंगे हैं। हमारे यहां काफी लंब समय से गिरावट नहीं आई है। बाजारों का 10 फीसदी गिरावट के बिना दोगुने स्तर पर पहुंचना बहुत दुर्लभ है। इसके अलावा ताजा खबरों ने भी निवेशकों को डरा दिया है।’
दुनिया भर के केंद्रीय बैंक महंगाई काबू करने के लिए मौद्रिक प्रोत्साहनों को वापस ले रहे हैं। पिछले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने मासिक बॉन्ड खरीद को तेजी से घटाने की योजना की घोषणा की। इसने उम्मीद से पहले ब्याज दरों में की अपनी योजना का संकेत दिया। बैंक ऑफ इंगलैंड ब्याज दरें बढ़ाने वाला पहला प्रमुख केंद्रीय बैंक बन गया है। उसने अचानक बढ़ोतरी का कारण महंगाई को बताया है। अब तक महंगाई को अस्थायी बताने वाले केंद्रीय बैंकों के रुख में अचानक बदलाव से निवेशकों की घबराहट बढ़ गई है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भाट ने कहा, ‘ओमीक्रोन की चिंताओं की तुलना में स्थितियां ज्यादा गंभीर होती जा रही हैं। निवेशक लॉकडाउन के आसार देख रहे हैं। इसके अलावा भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी दर्शाती है कि भारत में दरें कभी भी बढ़ सकती हैं।’
