इस महीने काफी बड़ी गिरावट के बाद आज वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुझान देखकर देसी बेंचमार्क सूचकांकों ने साल की बड़ी बढ़त दर्ज की। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने शांघाई में लॉकडाउन में ढील दी है और इंटरनेट कंपनियों को सहयोग देने की बात एक बार फिर कही है, जिससे निवेशकों का हौसला बढ़ता दिख रहा है।
सेंसेक्स 1,344 अंक या 2.54 फीसदी चढ़कर 54,318 पर बंद हुआ और जबकि निफ्टी50 सूचकांक 417 अंक या 2.63 फीसदी बढ़त के साथ 16,259 पर बंद हुआ। इस साल 15 फरवरी के बाद पहली बाद ये दोनों सूचकांक एक दिन में इतना चढ़े हैं। सूचकांक 15 फरवरी को 3 फीसदी से अधिक चढ़े थे। भारतीय बाजार इस महीने करीब 8 फीसदी गिर गए थे क्योंकि निवेशक मुद्रास्फीति के कारण मंदी आने की चिंता के कारण जोखिम वाली परिसंपत्तियों से बाहर निकल गए। आज की बढ़त के बावजूद बेंचमार्क सूचकांक इस महीने अब तक करीब 5 फीसदी नीचे हैं।
महंगाई के दबाव को खत्म करने के लिए आक्रामक तरीके से मौद्रिक नीति को सख्त बनाने के अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले, चीन के कोविड से निपटने के सख्त तरीके और चीन तथा रूस एवं यूक्रेन युद्ध की वजह से आपूर्ति शृंखला में अवरोधों से जिंसों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण वैश्विक वृद्धि में मंदी की चिंताएं पैदा हुई हैं।
आज शेयर इसलिए उछल पड़े क्योंकि चीन के वित्तीय केंद्र शांघाई में लगातार तीसरे दिन नए स्थानीय वायरस का कोई मामला नहीं आया है। इससे उम्मीद बंधी है कि चीन की सरकार सख्त लॉकडाउन में ढील देगी।
रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 77.56 प्रति डॉलर पर बंद
मजबूत डॉलर और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बीच रुपया मंगलवार को अब तक सबसे निचले स्तर को छू गया। यह 77.56 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपया 77.70 प्रति डॉलर पर खुला और दिन के सबसे निचले स्तर 77.80 प्रति डॉलर तक लुढ़का। बाद मेंं 77.56 प्रति डॉलर यानी पिछले बंद स्तर 77.45 प्रति डॉलर से 0.15 फीसदी फिसलकर बंद हुआ।
बाजार भागीदारों ने कहा कि केंद्रीय बैंंक ने मुद्रा बाजार में दखल दिया, जिससे मुद्रा के अवमूल्यन की रफ्तार कम हुई। बीएस