बाजार की मौजूदा कमजोरी से बाजार के भागीदारों मेंं थोड़ी असहजता देखने को मिल रही है क्योंंकि वे आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के व्यस्त सीजन के लिए तैयारी कर रहे हैं। बाजार नियामक सेबी ने हाल में एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स (नायिका), पीबी फिनटेक (पॉलिसीबाजार), अदाणी विल्मर और स्टार हेल्थ ऐंड अलायड इंश्योरेंस को अपने-अपने आईपीओ पेश करने की मंजूरी दी है। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि उनमें से कुछ अपने आईपीओ अगले हफ्ते पेश कर सकती हैं। कुल मिलाकर कम से कम छह फर्में संचयी तौर पर 20,000 करोड़ से ज्यादा जुटाने की तैयारी में हैं।
अपने-अपने सर्वोच्च स्तर से सेंसेक्स और निफ्टी करीब दो फीसदी नीचे आए हैं और मिडकैप व स्मॉलकैप सूचकांकों में यह गिरावट और भी तीव्र रही है, जिनमें अपने उच्चस्तर से 6-6 फीसदी की गिरावट आई है।
इस तरह का उतारचढ़ाव आईपीओ बाजार पर नकारात्मक असर डालता है। हालांकि निवेश बैंकरों को भरोसा है कि अच्छी गुणवत्ता वाले नए इश्यू इन चुनौतियों से पार निकलने में उनकी मदद करेंगे। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के कार्यकारी निदेशक अजय सराफ ने कहा, बाजार में काफी तेजी आई थी और पिछले कुछ दिनों में हम जिस तरह का उतारचढ़ाव देख रहे हैं वह नकदी, बाजार की मनोदशा या आईपीओ की कीमत पर असर नहीं डालेगा। नए इश्यू की गुणवत्ता काफी अच्छी है।
ऐक्सिस कैपिटल के संयुक्त प्रबंध निदेशक चिराग नीगांधी ने कहा, अगले 3-4 हफ्ते में कई अच्छी गुणवत्ता वाली कंपनियां बाजार मेंं उतरने जा रही हैं। उनमें से कुछ भविष्य में ऐसी ही चुनिंदा कंपनियों के लिए बाजार मेंं उतरने को लेकर ट्रेंड तय कर सकती हैं। थोड़ा उतारचढ़ाव और किसी खास इश्यू पर उसके असर की संभावना हमेशा होती है जब नई कंपनी बाजार मेंं उतरती है। लेकिन इन कारोबारों की गुणवत्त्ता को देखते हुए हमें नहींं लगता कि उन्हें इच्छित मूल्यांकन हासिल करने में किसी तरह की दिक्कत होगी।
इस साल बेंचमार्क निफ्टी बिना किसी बड़ी गिरावट के 30 फीसदी चढ़ा है। इससे निवेशकों का प्राथमिक व द्वितीयक बाजारों के प्रति भरोसा मजबूत हुआ है। इस साल अब तक 41 आईपीओ के जरिये 66,974 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जो साल 2017 के पिछले रिकॉर्ड 67,147 करोड़ रुपये के आसपास है और उसके पार जा सकता है।
कुछ का मानना है कि बड़ी सार्वजनिक पेशकश से बाजारों पर गिरावट का दबाव बन सकता है क्योंकि ये पेशकश बाजार की नकदी सोख लेंगी। इक्विॉनमिकक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, कुछ कमजोरी देखने को मिलेगी। बाजार में शायद ही बड़ी गिरावट होगी, लेकिन 3 से 4 फीसदी की गिरावट संभव है। महंगाई वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है और हमारे बाजार में खासी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। लेकिन स्थिरता अगले तीन महीने में वापस लौट सकती है क्योंंकि मॉनसून अच्छा रहा है, आर्थिक मानक सुधर रहे हैं और लाखों निवेशक हर दिन बाजार से जुड़ रहे हैं। लेकिन साल के अंत में मुनाफावसूली के कारण बाजार में गिरावट आ सकती है।
कुछ का कहना है कि जुलाई में पेश जोमैटो जैसे आईपीओ का द्वितीयक बाजार पर कोई असर नहीं पड़ा था।