इस महीने अप्रत्याशित तेजी के बाद शेयर बाजार में गुरुवार को गिरावट दर्ज हुई। कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर लगाम कसने के लिए फिर से लॉकडाउन की आशंका के बीच वैश्विक बाजारों में बिकवाली से निवेशकों का सेंटिमेंट कमजोर हुआ और मुनाफावसूली हावी हुई।
बेंचमार्क सेंसेक्स 580 अंक टूटकर 43,600 पर बंद हुआ, जो 26 अक्टूबर के बाद की सबसे तेज गिरावट है। निफ्टी-50 इंडेक्स 167 अंकों की गिरावट के साथ 12,772 पर बंद हुआ। बैंक निफ्टी में 2.9 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
विश्लेषकों ने कहा कि बाजार जरूरत से ज्यादा खरीदारी वाले क्षेत्र में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की साप्ताहिक एक्सपायरी ने उतारचढ़ाव को और हवा दी। गुरुवार की गिरावट से पहले नवंबरमें सेंसेक्स 11.5 फीसदी चढ़ा था और बैंक निफ्टी में 25.4 फीसदी की उछाल दर्ज हुई थी, जिसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की मजबूत खरीदारी का योगदान रहा। गुरुवार को बेंचमार्क सेंसेक्स ने हालांकि कारोबारी सत्र के दौरान वैक्सीन के ट्रायल पर आशावाद के बीच नई ऊंचाई को छू लिया था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, बाजार की तेजी के माहौल को थोड़ा झटका लगा है। अगर हमें नकारात्मक संकेत जल्द नहीं मिलते है तो हम इस झटके से उबर सकते हैं।
ज्यादातर वैश्विक बाजार टूटे क्योंकि कई क्षेत्रों में फिर से बंदी लागू हो गई है, जिससे त्वरित आर्थिक सुधार की उम्मीद धूमिल हुई। अमेरिका में बुधवार को कोविड से जुड़ी मौतें छह महीने मेंं सबसे ज्यादा रही और 2.5 लाख के पार निकल गई। न्यू यॉर्क शहर में पब्लिक स्कूल बंद रहे और कोलोराडो ने नागरिकों से यात्रा न करने की अपील की। बुधवार को दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउ न लागू हुआ और सभी नागरिको के लिए घर में रहने का आदेश जारी हुआ। टोक्यो में रोजाना संक्रमण पहली बार
500 के पार निकल गया और वायरस का अलर्ट सबसे उच्चस्तर पर पहुंच गया।
विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशक दोबारा बंदी और वैक्सीन की प्रगति के बीच फंसे रहे। गुरुवार को मेडिकल जर्नल लैंसेट ने खबर दी कि ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ने मजबूत इम्यून का नजारा दिखाया। एक दिन पहले फाइजर ने कहा था कि उसका टीका क्लिनिकल ट्रायल के अंतिम विश्लेषण में 85 फीसदी प्रभावी पाया गया है।
एफपीआई बाजार मेंं गिरावट के बावजूद शुद्ध खरीदार रहे। उन्होंंने गुरुवार को 1,180 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और इस महीने उनकी कुल खरीदारी 40,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। विश्लेषकों ने कहा कि गुरुवार की गिरावट से निवेशकों की उस चिंता का संकेत मिला कि लॉकडाउन के नए दौर में कारोबार का प्रबंधन कैसे होगा। साथ ही इस बात का भी डर है कि दुनिया भर में और
भारत के कुछ हिस्सों में बढ़ रहे संक्रमण के मामले से आर्थिक सुधार पर असर पड़ेगा।
एक विश्लेषक ने कहा, वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों से अतिरिक्त पाबंदी का डर बढ़ा और वैश्विक आर्थिक गतिविधियों पर इसके संभावित असर को देखते हुए बाजार का सेंटिमेंट नकारात्मक हो गया। ये चीजें वैक्सीन की प्रगति पर बढ़े आशावाद के बावजूद देखने को मिली। भारतीय बाजारों मेंं भी हालिया उच्चस्तर से मुनाफावसूली देखने को मिली क्योंकि निवेशक सतर्क हो गए। उन्होंंने कहा, हम अल्पावधि में बाजार में उतारचढ़ाव देख सकते हैं और निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
सेंसेक्स के दो तिहाई अवयव नुकसान के साथ बंद हुए। एसबीआई सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाला शेयर रहा और यह 4.9 फीसदी टूटकर बंद हुआ। ऐक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट 3-3 फीसदी से ज्यादा टूटे। चार को छोड़कर सेंसेक्स की बाकी कंपनियां नुकसान के साथ बंद हुई।
