मेरी आयु 26 वर्ष है और मैं एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता हूं। मुझे नई पेंशन योजना (एनपीएस) के बारे में पता चला है जो कि असंगठित क्षेत्र के लिए जारी की गई है। कृपया इस योजना की विशेषताएं विस्तार से बताएं। – पुष्पेंद्र सिंह
एनपीएस एक पेंशन पध्दति है जो निजी कंपनियों में काम करने वाले वैयक्तिक कर्मचारियों के लिए बनाई गई है। एक मई 2009 को इसे बाजार में उतारा गया है। इस योजना के तहत ऐसी सुविधा प्रदान की गई है कि निजी क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति या आम आदमी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन की जरुरतों के लिए निवेश कर सकता है।
एनपीएस का हिस्सा केवल निजी कंपनियों में कार्यरत लोग ही नहीं बन सकते, बल्कि जनवरी 2004 के बाद केंद्र सरकार के विभागों में नौकरी हासिल करने वाले सभी कर्मचारी इस योजना के लिए पात्र हैं। निर्धारित योगदान के आधार पर ही एनपीएस में सहयोग किया जाएगा।
इस योजना की देखरेख नैशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा की जाएगी, जबकि 6 फंड प्रबंधक निवेश की विविध योजनाओं को अमल में लाएंगे जिनमें इक्विटी, सरकारी प्रतिभूतियां और कार्पोरेट बांड आदि शामिल होंगे। निवेशक इन तीन तरह की संपत्ति श्रेणियों में किसी एक में ही अपनी जरुरतों के अनुसार निवेश कर सकते हैं।
हो सकता है कि कोई निवेशक इन संपत्तियों में से किसी में भी निवेश करने का इच्छुक न हो या नहीं कर पा रहा है तो उसकी राशि का निवेश स्वविकल्प के तहत किया जाएगा जहां निवेश पूर्व-निर्धारित पोर्टफोलियो द्वारा निर्धारित होगा।
एनपीएस में ऐसी कौन-सी खासियत है? इसमें चौंकानेवाली कम दर की लागत का समावेश है जिसमें निवेश की देखरेख के लिए वार्षिक लागत 350 रुपये है, प्रत्येक लेनदेन के लिए लागत 20 रुपये वसूली जाएगी। निवेश प्रबंधन शुल्क भी प्रतिवर्ष 0.009 फीसदी है जो काफी कम है। इसका मतलब, दीर्घावधि तक इस संयोजन का जादू आपके निवेश को आगे बढ़ाने में एक अहम रोल निभाएगा।
गौरतलब है कि यह एक पेंशन योजना है। लिहाजा, कोई निवेशक 60 वर्ष की आयु से पहले अपने पैसों की निकासी नहीं कर सकता है। हालांकि, नाजुक बीमारी या घर बनाने एवं खरीदने के लिए आप अपने पैसों की निकासी कर सकते हैं।
60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर भी निवेशक अपनी पूर्णराशि में से केवल 60 फीसदी हिस्से की ही निकासी कर सकते हैं जबकि बाकी राशि का उपयोग वार्षिक भत्ते के भुगतान के लिए किया जाएगा। लेकिन यहां एक मुख्य दोष यह भी है कि प्राप्त होनेवाली आय आखिरकार कर के दायरे में आएगी।
एनपीएस खाता खोलने के लिए आपको पेंशन फंड रेग्यूलेटरी ऐंड डेवलपेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) की वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करना होगा और 22 संबंधित इकाइयों में से किसी एक से संपर्क करना होगा जिसमें ज्यादातर बैंक शामिल हैं। पीएफआरडीए ने ज्यादा मौजूदगी के लिहाज से बैंकों की नियुक्ति की है।
मान लीजिए कि मैंने 10 साल के लिए यदि इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएलएस) में मासिक योजनाबध्द तरीके से निवेश (एसआईपी) की शुरुआत की है, तो मुझे इस निवेश से कर संबंधित रियायतों की छूट कब से मिलना शुरु हो सकती हैं? क्या एसआईपी पूरी होने पर – जो कि 10 वर्ष बाद होगी? या क्या प्रत्येक वित्तीय वर्ष में मैं जितने रकम का निवेश करुंगा उतनी ही मुझे करों में छूट मिलेगा? – सब्यसाची मुखर्जी
ईएलएसएस में आप प्रत्येक वित्तीय वर्ष में आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1 लाख रुपये तक की छूट का लाभ उठा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपको अपने निवेश की समयावधि पूरी होने तक इंतजार करने की जरुरत नहीं है।
मान लीजिए कि आपने वित्तीय वर्ष 2008-09 में 1 लाख रुपये का निवेश (एसआईपी के जरिये या एकमुश्त राशि) किया है, तो आप इस वर्ष में 1 लाख रुपये तक की कर छूट का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं।
क्या इक्विटी (शेयर) बाजार की गिरावट में डेट फंडों का प्रदर्शन अच्छा रहता है? क्या बाजार की गिरावट के दौरान इक्विटी डाइवर्सिफाइड में किया गया निवेश डेट फंडों में स्विच करना समझदारी का सबब होगा? – चेरी थापर
नहीं, इक्विटी और डेट फंडों में ऐसा कोई परस्पर संबंध नहीं है। इक्विटी और डेट फंड दोनों निवेश के दो अलग-अलग रास्ते हैं। इन दो परिसंपत्ति श्रेणियों पर प्रभाव डालने वाले कारक अलग-अलग हैं। उल्लेखनीय है कि इक्विटी फंडों का प्रदर्शन शेयर बाजार पर निर्भर करता है, डेट फंडों का प्रदर्शन प्राथमिक तौर पर ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।
ऐसे में साफ जाहिर होता है कि दोनों परिसंपत्तियों की श्रेणियों पर अलग-अलग कारकों का प्रभाव पड़ता है, साथ ही दोनों परिसंपत्ति श्रेणियां एक साथ उछाल या गिरावट नहीं ले सकती हैं। इस कारण, हमेशा यह सलाह दी जाती है कि किसी भी राशि का निवेश परिसंपत्ति श्रेणियों के विविध जरियों में किया जाना चाहिए।
कोई निवेशक अपने पोर्टफोलियो में इक्विटी और डेट का सही तालमेल के साथ संपत्ति निर्धारण करता है, तो कोई अपनी जरुरतों के लिहाज से संपत्ति का निर्धारण करता है।
कृपया मुझे यह बताएं कि क्या शार्ट-टर्म डेट फंड निगेटिव रिटर्न दे सकते हैं। मेरे निवेश की समयावधि 3 महीने की है। – राहुल शेटये
हां, शॉर्ट टर्म डेट फंड निगेटिव रिटर्न दे सकते हैं। जहां तक लिक्विड फंडों का सवाल है तो ये फंड अन्य डेट फंडों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होते हैं।
