आईडीएफसी ने एक बार फिर से अपने म्युचुअल फंड (एमएफ) कारोबार की बिक्री प्रक्रिया की शुरुआत की है। कंपनी के बोर्ड ने शुक्रवार को आईडीएफसी म्युचुअल फंड के लिए उपयुक्त खरीदार खोजने के लिए निवेश बैंकरों को इस प्रक्रिया से जोडऩे का फैसला किया है। कंपनी 1.26 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्ति का प्रबंधन करती है और यह देश की शीर्ष 10 परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों में शामिल है।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई सूचना में कहा, ‘निदेशक मंडल ने म्युचुअल फंड कारोबार का विनिवेश करने की प्रक्रिया शुरू करने के कदमों को मंजूरी दे दी है जो नियामक अनुमोदनों के अधीन है। निदेशक मंडल ने इसके लिए निवेश बैंकर की नियुक्ति सहित आवश्यक कदम उठाने के लिए संबंधित रणनीति एवं निवेश समितियों को अधिकृत किया है।’ बोर्ड का फैसला एक कॉन्फ्रेंस कॉल के कुछ दिनों के बाद ही किया गया है जहां शेयरधारकों ने आईडीएफसी फस्र्ट बैंक में अपने रिवर्स विलय और म्युचुअल फंड कारोबार की बिक्री के लिए निश्चित समयसीमा देने में असफल रहने के लिए कंपनी की आलोचना की।
आईडीएफसी पिछले 4.5 वर्षों से अपने म्युचुअल फंड कारोबार की बिक्री के विकल्प तलाश रही है हालांकि मूल्यांकन पर असहमति की वजह से एक सौदा नाकाम हो गया। उद्योग के सूत्रों का कहना है कि इस बार रुझान कुछ अलग हो सकते हैं क्योंकि कंपनी की अपनी परिसंपत्ति में अच्छी वृद्धि के साथ-साथ, शेयर बाजार में तेजी और 36 लाख करोड़ रुपये के म्युचुअल फंड उद्योग के सकारात्मक रुझान हैं। कई मौजूदा खिलाडिय़ों, म्युचुअल फंड उद्योग में नए खिलाडिय़ों के साथ ही वित्तीय सेवा उद्योग में अन्य खिलाड़ी भी दिलचस्पी दिखा सकते हैं।
जून 2021 तिमाही के दौरान आईडीएफसी म्युचुअल फंड के पास डेट पक्ष में 97,980 करोड़ रुपये की औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) और इक्विटी पक्ष में 28,159 करोड़ रुपये की एयूएम थी।
आमतौर पर, म्युचुअल फंड में सौदे एयूएम के 5.7 प्रतिशत के बीच होते हैं। कई मामलों में अगर फंड कंपनी में अच्छी तादाद में इक्विटी परिसंपत्ति है तब मूल्यांकन बढ़ सकता है। आईडीएफसी म्युचुअल फंड के मुनाफे का रिकॉर्ड भी अच्छा है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईडीएफसी म्युचुअल फंड ने 144 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था जो वित्त वर्ष 2020 में दर्ज 79.4 करोड़ रुपये के मुनाफे के मुकाबले 81 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
म्युचुअल फंड उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘आईडीएफसी म्युचुअल फंड ने ऋण और इक्विटी के एक अच्छे मिश्रण के साथ कारोबार बढ़ाया है। हालांकि, हमें उन मूल्यांकन पर गौर करने की जरूरत है जिनमें वे अपना कारोबार बेचना चाहते हैं।’
इस साल म्युचुअल फंड क्षेत्र में कई अधिग्रहण और विलय हुए हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में छोटे खिलाडिय़ों को ही खरीदा गया है। इससे पहले मई में, अग्रणी निवेश मंच ग्रो का संचालन करने वाली नेक्स्टबिलियन टेक्नोलॉजी ने 175 करोड़ रुपये में इंडियाबुल्स म्युचुअल फंड का अधिग्रहण किया था। इस साल जनवरी में, सुंदरम म्युचुअल फंड ने प्रिंसिपल एसेट मैनेजमेंट का अधिग्रहण किया था। वहीं सचिन बंसल के स्वामित्व वाले नवी एमएफ ने एस्सेल एमएफ की संपत्ति खरीदी थी। हाल ही में, व्हाइट ओक कैपिटल को येस एमएफ खरीदने के लिए नियामक मंजूरी मिली है।