मुनाफावसूली के चलते लगातार दूसरे दिन बेंचमार्क सूचकांक गिरकर बंद हुए। अंतरिम बजट से निराश और कमजोर विदेशी बाजारों की वजह से कारोबारी शार्ट पोजीशन ले रहे थे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील, सुजलॉन और यूनिटेक जैसे शेयरों में शार्ट पोजीशन बनी और इनमें 3-6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। वायदा सेगमेन्ट में ट्रेडिंग वॉल्यूम करीब 6000 करोड़ रुपए से गिर गया और कारोबारी इंडेक्स और स्टॉक में लांग पोजीशन लेने से बच रहे थे।
निफ्टी फरवरी वायदा स्पॉट की तुलना में डिस्काउंट पर ही रहा और इसके ओपन इंटरेस्ट में 20.2 लाख शेयरों की कमी आई जो संकेत है कि लांग पोजीशन अनवाइंड हो रही हैं। मार्च वायदा में फरवरी की तुलना में पांच फीसदी का डिस्काउंट रहा और ओपन इंटरेस्ट में 17.7 लाख शेयर जुड़े जो शार्ट पोजीशन बनने के संकेत हैं।
ज्यादातर पुट ऑप्शंस में खासकर 2800 और 2900 में पिछले कुछ दिनों में अनवाइंडिंग देखी गई जो संकेत है कि कारोबारी उम्मीद कर रहे हैं कि निफ्टी 2800 से नीचे जाएगा। हालांकि मंगलवार को कारोबारी 2500 और 2600 के पुट की अनवाइंडिंग करते देखे गए और 2700 के पुट की खरीद कर रहे थे।
यह कमजोरी का संकेत है। लिहाजा निफ्टी में आगे और करेक्शन देखा जा सकता है। सरकार की बॉरोइंग यानी कर्ज में उम्मीद से ज्यादा इजाफा होने के अनुमान से बैंकिंग सेक्टर को सबसे ज्यादा झटका लगा है क्योकि इससे बांड की ईल्ड तेज रह सकती है और बैंकों के पास रखे बांडों की कीमत कम हो सकती है।
आईसीआईसीआई बैंक फरवरी में लांग पोजीशन की अनवाइंडिंग होने और मार्च में शार्ट पोजीशन बनने से 5.7 फीसदी गिरा। स्टेट बैंक भी 3.4 फीसदी गिरा और इसके फरवरी और मार्च सीरीज में शार्ट पोजीशन बढ़ी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज भी लांग पोजीशन की अनवाइंडिंग से कमजोर पड़ा। डीएलएफ और यूनिटेक जैसे शेयर पांच फीसदी से ज्यादा गिरे और मार्च सीरीज में इनमें शार्ट पोजीशन बनी।
डीएलएफ के फरवरी और मार्च वायदा में ओपन इंटरेस्ट दस लाख शेयरों से बढ़ा जबकि यूनिटेक में मार्च वायदा में ही ओपन इंटरेस्ट दस लाख शेयरों से बढ़ गया। इन शेयरों में आगे और करेक्शन देखा जा सकता है।
