मेरे बचत खाते में अक्सर 40,000-50,000 रुपये की राशि जमा रहती है। जिससे मुझे 3.5 फीसदी का वार्षिक रिटर्न मिलता है। लिहाजा हर महीने की एक से दस तारीख के बीच उपलब्ध रहने वाली राशि पर ही ब्याज का रिटर्न मिलता है।
बहरहाल, मैंने यह योजना बनाई है कि ब्याज लेने के पश्चात मैं इस राशि को खाते से निकाल लूंगा। इस तरह प्राप्त नकद राशि का निवेश मैं लिक्विड फंड में करना चाहता हूं। लिक्विड फंड में निवेश कितना सुरक्षित हो सकता है? इस तरह निवेश करने से मुझे कितना रिटर्न मिल सकता है? साथ ही, निवेश के लिहाज से अच्छे फंडों के बारे में सुझाव दीजिए।
– आर श्री कृष्णनन
आप अपनी अतिरिक्त रकम का निवेश हर महीने की 10 तारीख से लेकर महीने के अंत तक करना चाहते हैं, जिसके लिए आपको अक्सर निवेश करने और रकम निकालने की जरुरत पड़ सकती है।
ऐसे में यहां पर यह अहम बात सामने आती है कि आपके बैंक और म्युचुअल फंड हाउस आपको ऑनलाइन लेनदेन की सुविधाएं प्रदान करे। अल्पावधि के डेट निवेश में पैसा लगाने से लिक्विड फंडों में निवेश का पर्याय सुरक्षित साबित हो सकता है।
नियमों का सख्ती से पालन करने की शर्तों पर प्रतिभूति बाजार नियामक सेबी ने लिक्विड फंड प्रबंधकों के लिए इस फंड में अधिकतम परिपक्वता के लिए 1 फरवरी से छह महीने, और 1 मई से तीन महीने तक ही निवेश करने की हिदायत दी है। अब यहां पर आपके द्वारा यदि अतिरिक्त राशि का लिक्विड फंड में निवेश किया जाता है तो उसका मूल्यांकन कर लें।
लिक्विड फंडों के पिछले प्रदर्शनों पर नजर दौड़ाएं तो साफ जाहिर होता है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान इन्होंने 6.5 फीसदी का वार्षिक रिटर्न दिया है। मसलन, आप लिक्विड फंड में निवेश करने पर अच्छा खासा ब्याज अर्जित कर सकते हैं जबकि आपको बैंक बचत खाते में महज साढ़े तीन फीसदी ब्याज मिलता है। यदि आप किसी महीने के 10वें दिन से उस महीने के अंतिम दिन तक निवेश जारी रखते हैं, तो आपने महीने के दो-तिहाई हिस्से तक निवेश जारी रखा है।
मान लीजिए कि हर माह आपके खाते में 50,000 रुपये की राशि बचती है। ऐसे में आप सालाना 6 लाख रुपये का निवेश कर रहे हैं, इस प्रकार आपका निवेश साल के दो-तिहाई समयावधि तक हो जाता है और आपका अतिरिक्त सालाना रिटर्न करीब 12,000 रुपये हो जाता है। यदि आप प्रत्येक तिमाही में 50,000 रुपये निवेश कर रहे हैं और प्रत्येक तिमाही के 15 दिनों तक आप निवेश जारी रखते हैं तो आपका अतिरिक्त रिटर्न केवल 1,000 रुपये हो जाता है।
आपका लिक्विड फंड में निवेश करने का निर्णय अतिरिक्त राशि अर्जित करने और लेनदेन की आवृत्ति में इजाफा करने पर आधारित होना चाहिए। लिहाजा अच्छी रेटिंग के साथ-साथ पिछले प्रदर्शनों में अच्छा रिटर्न देनेवाले फंडों में निवेश करें, जैसे कि टेम्पलटन इंडिया एमएमए, एचडीएफसी कैश मैनेजमेंट सेविंग्स या कैनरा रोबैको लिक्विड।
मैं लिक्विड फंडों में निवेश करना चाहता हूं। लेकिन मैं लिक्विड फंडों और फ्लोटिंग रेट फंडों के बीच निर्णय नहीं कर पा रहा हूं। दो वर्षों की निवेश समयावधि के लिए कौन-सी श्रेणी बेहतर हो सकती है?
– ज्यूड सुसाई
लिक्विड फंडों में निवेश आगे बढ़ने के साथ इनसे आय कम हो जाती है। सेबी के दिशानिर्देशों के आने के बाद से इनकी आय में कमी देखी जा रही है। इस श्रेणी के फंडों की परिपक्वता को दीर्घावधि तक आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। सेबी के दिशानिर्देशों के अस्तित्व में नहीं आने से पहले लिक्विड फंडों में मिश्रित निवेश की श्रेणियां मौजूद थीं जिनमें दीर्घावधि और अल्पावधि दोनों का समावेश था। इनसे उच्च स्तर पर आय होती थी।
लेकिन लिक्विड फंडों को अब अल्पावधि निवेश के उपकरण का हिस्सा बनाना आवश्यक कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर फ्लोटिंग रेट फंड में मध्यावधि और दीर्घावधि निवेश के पर्याय उपलब्ध हैं। फ्लोटरों का मानना है कि फ्लोटिंग रेट निवेश में प्राय: निवेश करने से बचना चाहिए। यदि ब्याज दरों में कटौती की जाती है तो इनकी आय में इजाफा होता है।
मकान खरीदने के लिए मैं मध्यावधि के लिए निवेश करना चाहता हूं। इसके लिए मैंने केनरा रोबैको इनकम का चयन किया हुआ है। मेरे चयन का मूल्यांकन कीजिए और साथ ही कुछ अच्छे फंड हों तो उनके बारे में बताइए।
– चिराग नाइक
ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव पर इनकम फंडों का प्रदर्शन निर्भर करता है और ये सरकार तथा कंपनियों द्वारा जारी किए जानेवाले अल्पावधि के साथ-साथ दीर्घावधि वाली प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं। साथ ही ब्याज दरों में बदलाव के आधार पर इन दोनों को एक-दूसरे में परिवर्तित होने की छूट होती है।
डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो का हिस्सा होने के कारण इनकम फंड से ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव के दौरान लाभ उठाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि किसी भी निवेशक को इनकम फंड में एक वर्ष से ज्यादा अवधि तक निवेश करना चाहिए। लिहाजा आपकी निवेश समयावधि के लिए यह निवेश योजना अच्छी है। कैनरा रोबैको इनकम 5स्टार रेटेड फंड है।
पिछले प्रदर्शनों के दौरान इसने कुछ वर्षों तक अच्छा प्रदर्शन भी किया और साथ ही कुछ वर्षों में इसका प्रदर्शन निराशाजनक भी रहा। लेकिन पिछले वर्ष जून में इस फंड की कमान नए फंड प्रबंधक द्वारा संभालने के बाद इसके प्रदर्शन में सुधार आया है। वर्ष 2008 में इस फंड ने अपनी श्रेणी के महज 14.3 फीसदी की औसत रिटर्न की तुलना में 30 फीसदी का रिटर्न दिया था। आप चाहें तो इस फंड में अपने निवेश को जारी रख सकते हैं।
मैं जानना चाहता हूं कि क्या बैंलेस्ड और इक्विटी फंड के बीटा वैल्यू की तुलना की जा सकती है? उदाहरण के लिए, डीएसपीबीआर बैलेंस्ड और डीएसपीबीआर टॉप 100 इक्विटी रेगुलर फंड के लिए बीटा वैल्यू क्रमश: 0.90 और 0.88 है। क्या ये दोनों वैल्यू अलग-अलग हैं क्योंकि डीएसपीबीआर टॉप 100 इक्विटी लार्ज कैप में निवेश करता है, जबकि डीएसपीबीआर मिड और स्मॉल कैप में निवेश करता है?
– सुभाष लाहा
बीटा, बाजार के उतार-चढ़ाव में फंड की अतिसंवेदनशीलता की परख कराता है। बेंचमार्क सूचकांक के मुकाबले फंड के तीन वर्षों के दौरान महीने के रिटर्न के आधार पर इसकी गणना की जाती है। एक ही श्रेणी में आने पर दोनों फंडों की बीटा वैल्यू की तुलना की जा सकती है।
ऐसे में हम दो इक्विटी डाइवर्सिफाइड फंडों या दो बैलेंस्ड फंडों की बीटा वैल्यू की तुलना कर सकते हैं, लेकिन हम किसी इक्विटी फंड के बीटा वैल्यू की बैलेंस्ड फंड की बीटा वैल्यू से तुलना नहीं कर सकते हैं।
