भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को छह महीने तक कोई फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (एफएमपी) शुरू करने से रोक दिया है। बाजार नियामक ने आज यह रोक लगाई और सेबी अधिनियम, म्युचुअल फंड नियमन, 1996 के प्रावïधानों के उल्लंघन के लिए 50 लाख रुपये का जुर्माना भी कंपनी पर लगाया है।
यह मामला कोटक महिंद्रा म्युचुअल फंड द्वारा शुरू किए गए एफएमपी से संबंधित था, जिनमें निवेशकों को परिपक्वता की तारीख पर योजनाओं की घोषित नेट एसेट वैल्यू के अनुसार पूरी रकम नहीं दी गई थी। सेबी ने फंड कंपनी को छह एफएमपी योजनाओं के यूनिट धारकों से एकत्र निवेश प्रबंधन एïवं परामर्श फीस का एक हिस्सा वापस लौटाने का निर्देश भी दिया।
यह हिस्सा छह एफएमपी योजनाओं की परिपक्वता की तारीख पर उनमें जारीकर्ताओं के जीरो कूपन गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (जेडसीएनसीडी) में निवेश के प्रतिशत के बराबर होगा। इसके अलावा यूनिटधारकों को योजनाओं की परिपक्वता की तारीख से वास्तविक भुगतान की तारीख तक 15 फीसदी साधारण ब्याज चुकाना होगा। दोनों जारीकर्ता एस्सेल समूह से संबंधित हैं, जो जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड और जी समूह की कंपनियां कहलाने वाली कुछ अन्य कंपनियों की प्रवर्तक थी।
(डिस्क्लेमर: बिज़नेस स्टैंडर्ड में कोटक परिवार के नियंत्रण वाली इकाइयों की बहुलांश हिस्सेदारी है।)