विदेशी ब्रोकर अब धीरे धीरे रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के शेयर पर उत्साह बढ़ा रहे हैं। मई में मॉर्गन स्टैनली और जून में जेपी मॉर्गन द्वारा इस शेयर पर सकारात्मक नजरिया अपनाने के बाद जेफरीज के विश्लेषक भी इस पर उत्साहित दिख रहे हैं और उन्होंने इसके लिए 3,400 रुपये का कीमत लक्ष्य रखा है, जो मौजूदा स्तरों से करीब 34 प्रतिशत की तेजी है।
इन ब्रोकरों द्वारा यह सकारात्मक रुख कच्चे तेल की कीमतों की वजह से दिखा है, क्योंकि उनका मानना है कि कंपनी को इसका लाभ मिलेगा।
उदाहरण के लिए, जेफरीज का मानना है कि आरआईएल का रिफाइनिंग मार्जिन को कैलेंडर वर्ष 2022 में वर्ष के निचले स्तर के डीजल इन्वेंट्री, घटते रूसी निर्यात, सुस्त चीनी निर्यात, यूरोप में कमजोर उत्पादन और पश्चिम एशियाई रिफाइनरियों के चालू होने में विलंब से बढ़ावा मिलेगा।
यूरोप, सिंगापुर और अमेरिका में डीजल इन्वेंट्री वर्ष के निचले स्तरों पर हैं जिससे आपूर्ति संबंधित समस्याएं पैदा हो रही हैं।
यूरोप के लिए डीजल निर्यात यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद से 250,000 बैरल प्रति दिन घट गया है और अब वहां नए बाजार तलाशने के लिए संघर्ष करने पड़ रहा है। रूसी तेल आयात मई में सालाना आधार पर 18 लाख बीपीडी तक बढ़ने से चीन और भारत काफी हद तक कम यूरोपीय मांग का सामना कर रहे हैं।
जेफरीज का कहना है कि आरआईएल ऊर्जा कीमतों में तेजी का मुख्य लाभार्थी है और सालाना रिफाइनिंग मार्जिन में प्रत्येक 1 डॉलर प्रति डॉलर की तेजी से उसके एबिटा में करीब 40-45 करोड़ डॉलर का इजाफा होता है।
जेफरीज के भास्कर चक्रवर्ती और प्रतीक चौधरी ने एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है, ‘हमारे शुरुआती अनुमानों से संकेत मिलता है कि आरआईएल का तेल-रसायन (ओ2सी) एबिटा वित्त वर्ष 2023 की जून तिमाही में 60 प्रतिशत बढ़ सकता है और हमारे वित्त वर्ष 2023 के अनुमानों के इसका करीब 35 प्रतिशत योगदान हो सकता है। रिफाइनिंग में लगातार तेजी से वित्त वर्ष के आय अपग्रेड में मजबूती आनी चाहिए।’
मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों का मानना है कि आरआईएल कैलेंडर वर्ष 2022 के अंत तक 20 अरब डॉलर का एबिटा दर्ज करेगी और इससे मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली इस कंपनी को इस अवधि में अपना बाजार पूंजीकरण 50 अरब डॉलर तक सुधारने में मदद मिल सकती है।
आरआईएल का एबिटा 16.6 अरब डॉलर पर रहा, जो 2021-22 में सालाना आधार पर 29 प्रतिशत तक की वृद्धि है, जबकि शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 26 प्रतिशत बढ़कर 8.8 अरब डॉलर पर रहा और इसे ओ2सी, दूरसंचार तथा रिटेल से मदद मिली।
जेपी मॉर्गन ने जून में आरआईएल की रेटिंग को न्यूट्रल से ओवरवेट किया था और इस शेयर के एक साल में 3,170 पर पहुंचने का अनुमान जताया था।
