विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा मई में की गई बिकवाली की वजह से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टर पर ज्यादा दबाव देखने को मिला। आईआईएफएल सिक्योरिटीज द्वारा कराए गए विश्लेषण के अनुसार, वैश्विक निवेशकों ने पिछले महीने 5.15 अरब डॉलर मूल्य के शेयर बेचे, जिनमें अरब डॉलर की बिकवाली आईटी शेयरों में भी शामिल थी।
आईटी के बाद, बैंकिंग वं वित्तीय सेवा और एफएमसीजी में सर्वाधिक 1.55 अरब डॉलर और 66 करोड़ डॉलर की सर्वाधिक निकासी दर्ज की गई। तेल एवं गैस शेयरों में 46 करोड़ डॉलर की बिकवाली दर्ज की गई। बैंकिंग ऐंड फाइनैंशियल सेवाओं और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में कुछ समय से भारी बिकवाली देखी गई है। एफपीआई आवंटन के संदर्भ में ये दो सबसे बड़े क्षेत्र भी हैं। पिछले 6 महीनों में, बैंकिंग एवं सेवा क्षेत्र में 10.34 अरब डॉलर जबकि प्रौद्योगिकी सेक्टर में 7.13 अरब डॉलर की बिकवाली दर्ज की गई। आईटी सेक्टर में लगातार 9 महीनों से एफपीआई की बिकवाली देखी गई है। आईटी में एफपीआई निवेश घटकर 12.7 प्रतिशत रह गया है जो पिछले साल दिसंब में 15.4 प्रतिशत था। अब आईटी में एफपीआई आवंटन 12 प्रतिशत पर है।
विश्लेषकों ने आईटी शेयरों में बिकवाली को अमेरिकी प्रौद्योगिकी दिग्गजों की शेयर कीमतों में गिरावट के प्रभाव के तौर पर करार दिया है। हालांकि उनका कहना है कि उनके अमेरिकी समकक्षों और नैस्डैक में कमजोरी की वजह से भारतीय आईटी शेयरों को लेकर चिंता करने की कोई वजह नहीं है। इक्विनोमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम का कहना है, ‘अमेरिका और भारत में आईटी शेयरों का बिजनेस प्रोफाइल काफी अलग है। दूसरी बात, घरेलू आईटी कंपनियों को रुपये में गिरावट का लाभ मिलता है, जबकि अमेरिकी टेक्नोलॉजी शेयर डॉलर विनिमय दर में बड़ी वृद्धि से नुकसान में रहते हैं। नैस्डैक अब आय में करीब 40पीई के आसपास कारोबार कर रहा है, जबकि भारत में शीर्ष-5 आईटी कंपनियों में से चार कंपनियां 18 से 29 गुना के दायरे में कारोबार करती हैं और वित्त वर्ष 2022 में सबसे बड़ी कंपनी ने 33 गुना (वित्त वर्ष 2021-22 की ईपीएस के संदर्भ में) पर कारोबार किया। ’
सकारात्मक बात यह है कि लॉजिस्टिक शेयरों में 34 करोड़ डॉलर का पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया। इसे काफी हद तक डेलिवरी के 5,235 करोड़ रुपये के आईपीओ से भी मदद मिली थी। यह आईपीओ एलआईसी के बाद वर्ष का दूसरा सबसे बड़ा निर्गम था। इस निर्गम को विदेशी निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया हासिल हुई। लॉजिस्टिक सेक्टर में एफपीआई आवंटन 1.6 प्रतिशत पर है और यह सितंबर 2019 से अपने चरम स्तर पर पहुंच गया है, जबकि वाहन शेयरों में एफपीआई आवंटन मई में बढ़कर 5.2 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो अप्रैल, 2022 में 4.7 प्रतिशत पर था।
