टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज जैसी भारत की प्रख्यात सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा कंपनियां दलाल पथ पर निवेशकों के बीच पसंदीदा बनी हुई हैं। आईटी उद्योग का मूल्यांकन प्रमुख बाजार के मुकाबले फिलहाल एक दशक में सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर है, क्योंकि निवेशक लगातार प्रमुख आईटी कंपनियों के शेयरों पर दांव लगा रहे हैं और बैंकिंग, तेल एवं गैस, धातु और एफएमसीजी जैसे जोखिम वाले क्षेत्रों से दूरी बना रहे हैं।
बीएसई आईटी सूचकांक मौजूदा समय में 34.3 गुना के पिछले पीई मल्टीपल पर कारोबार कर रहा है, जो बीएसई के 26.6 गुना के पीई मल्टीपल के मुकाबले करीब 29 गुना महंगा है। इसके विपरीत 6 महीने पहले तक आईटी सूचकांक प्रमुख सूचकांक के मुकाबले नीचे कारोबार कर रहा था।
पांच साल में यह पहली बार है जब आईटी सूचकांक का मूल्यांकन बेंचमार्क सूचकांक (सेंसेक्स) के मुकाबले ऊपर है। आईटी सेक्टर ने पिछली बार 2013 और 2015 के बीच करीब दो साल तक महंगे मूल्यांकन पर कारोबार किया था। आईटी सेक्टर का प्रीमियम कुल बाजार के मुकाबले औसत करीब 12.5 प्रतिशत पर था।
तब से उद्योग ने पिछले डेढ़ साल में अपने मूल्यांकन में बड़ा फेरबदल दर्ज किया है। बीएसई आईटी सूचकांक का मौजूदा पीई मल्टीपल मार्च 2020 के अंत के दो गुना से ज्यादा के मुकाबले करीब 30 प्रतिशत पर है, जो दिसंबर 2020 के अंत में 26.3 गुना पर था।
आईटी उद्योग का मौजूदा मूल्यांकन एक दशक में अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर भी है। बीएसई का आईटी सूचकांक का मौजूदा पीई मल्टीपल 34.3 गुना पर 20.1 गुना के अपने 10 वर्षीय औसत आय मल्टीपल के मुकाबले करीब 70 प्रतिशत ऊपर है।
विश्लेषकों ने इसके लिए महंगे मूल्यांकन और उद्योग के श्रेष्ठ आय परिदृश्य के मुकाबले रिकॉर्ड ऊंचे मूल्यांकन को जिम्मेदार बताया है। नारनोलियो सिक्योरिटीज के मुख्य निवेश अधिकारी शैलेंद्र कुमार का कहना है, ‘आईटी कंपनियों द्वारा अगले दो साल में शानदार राजस्व और मुनाफा वृद्घि दर्ज किए जाने की संभावना है। इसका मतलब है कि कई दीर्घावधि निवेशक इस क्षेत्र पर उत्साहित हैं।’
तुलनात्मक तौर पर ब्याज दर वृद्घि और ऊंची मुद्रास्फीति की वजह से बैंक, धातु और खनन, तेल एवं गैस, एफएमसीजी, और वाहन जैसे अन्य मुख्य क्षेत्रों के आगामी आय परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। कोविड-19 महामारी की वह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में ढांचागत बदलाव को देखते हुए विश्लेषक कुछ समय तक तेजी बरकरार रहने की उम्मीद कर रहे हैं।
जेएम फाइनैंशियल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य रणनीतिकार धनंजय सिन्हा का कहना है, ‘आईटी उद्योग मजबूत वृद्घि की संभावना देख रहा है, क्योंकि व्यवसाय के डिजिटलीकरण से उनके परिचालन में आसानी हो रही है और परिचालन परिवेश तेजी से बदल रहा है। इससे आईटी सेक्टर के लिए मजबूत आय संभावना पैदा हुई है।’ हालांकि अन्य विश्लेषक इस उद्योग के मौजूदा मूल्यांकन और प्रीमियम को उचित नहीं मान रहे हैं।
इक्विनोमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक चोकालिंगम जी का कहना है, ‘डॉलर संदर्भ में एक अंक की वृद्घि और उद्योग के मार्जन में गिरावट की आशंका को देखते हुए उद्योग के मौजूदा मूल्यांकन को उचित ठहराना कठिन है। पिछले साल उद्योग की आय वर्क फ्रॉम होम की वह से ऊपरी लागत तथा कर्मचारी लागत घटने से कुछ सुधर गई थी।
