सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और फार्मास्युटिकल बीते संवत वर्ष के लिए विजेताओं के तौर पर उभरने वाले क्षेत्र रहे। बीएसई हेल्थकेयर और बीएसई आईटी सूचकांक ने संवत 2076 के दौरान 53.7 प्रतिशत और 48.2 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है, जो किसी अन्य क्षेत्र के प्रतिफल के मुकाबले सर्वाधिक है। इसके अलावा, निफ्टी-50 के सबसे ज्यादा चढऩे वाले शेयरों की सूची में भी इन दो क्षेत्रों की कंपनियों का दबदबा रहा है। दिवीज लैबोरेटरीज, इन्फोसिस, डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज और सिप्ला 62 और 95 प्रतिशत के बीच तेजी के साथ प्रतिफल चार्ट पर शीर्ष पर रहीं। दूसरी तरफ, पीएसयू और बैंकिंग शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। ओएनजीसी, इंडियन ऑयल, इंडसइंड बैंक और कोल इंडिया का प्रतिफल वर्ष में सबसे ज्यादा खराब रहा। स्टे-ऐट होम थीम की वजह से आईटी शेयरों में मजबूती आई, जबकि फार्मा शेयरों को अप्रत्याशित वैश्विक स्वास्थ्य संकट से मदद मिली। विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि भविष्य में आईटी और फार्मा क्षेत्र से प्रतिफल समतल बना रह सकता है। उदाहरण के लिए, क्रेडिट सुइस ने इन दो क्षेत्रों के लिए अपना निवेश घटा दिया है। ऊंचे मूल्यांकन और अपेक्षाकृत धीमी वृद्घि के अनुमान आईटी शेयरों की रेटिंग में कमी का मुख्य कारण है, जबकि हेल्थकेयर क्षेत्र में चक्रीय और ढांचागत चुनौतियां दिख रही हैं। नोमुरा ने भी आईटी और फार्मा पर अपना भारांक घटाया है।
