आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये बनने वाले मैंडेट में अगस्त में कमी दर्ज की गई। करीब चार साल में वित्तीय लेनदेन के संदर्भ में सबसे अच्छा महीना रहने के बावजूद अगस्त में इन मैंडेट की संख्या में गिरावट आई। पिछले महीने आठ आईपीओ ने 17,841 करोड़ रुपये जुटाए थे, जो नवंबर 2017 से सर्वाधिक है। मैंडेट के लिए अनुरोध तब बनाए जाते हैं, जब ग्राहक किसी आईपीओ आवेदन के लिए बैंक खाते में कुछ रकम निर्धारित करता है।
भारत में रिटेल भुगतान के लिए मुख्य इकाई नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार, अगस्त में, यूपीआई के जरिये 58.6 लाख आईपीओ मैंडेट बनाए गए थे।
पूर्ववर्ती महीने में फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो के शानदार आईपीओ की वजह से 76.6 लाख मैंंडेट दर्ज किए गए। जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट्स, क्लीन साइंस और तत्व चिंतन के आईपीओ को भी अच्छी सफलता मिली थी। तुलनात्मक तौर पर, अगस्त में आईपीओ के लिए प्रतिक्रिया कमजोर रही और यूपीआई के जरिये मैंडेट में मासिक आधार पर 24 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। हालांकि भले ही मैंडेट अनुरोधों में कमी आई, लेकिन मैंडेट के जरिये हुए सौदों (जिनमें निवेशकों को शेयर आवंटित हुए) में भारी तेजी दर्ज की गई। अगस्त में, 13.2 लाख मैंडेट, या कुल 22 प्रतिशत मैंडेट इस्तेमाल हुए। वहीं जुलाई में, सिर्फ 532,943 मैंडेट, या कुल 76.6 लाख मैंडेट का 7 प्रतिशत से कम हिस्सा सफलतापूर्वक इस्तेमाल हुआ था।
देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को अगस्त में अधिकतम 14.6 लाख मैंडेट निर्माण अनुरोध हासिल हुए, जिसके बाद एचडीएफसी को 10 लाख, आईसीआईसीआई बैंक को 711,593 अनुरोध और बैंक ऑफ बड़ौदा को 484,685 अनुरोध मिले थे।
शीर्ष चार बैंकों – एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, और बैंक ऑफ बड़ौदा ने 841,739 मैंडेट अनुरोधों के सफल क्रियान्वयन का आंकड़ा दर्ज किया और यह अगस्त में कुल मैंडेट इस्तेमाल का 63.37 प्रतिशत था। इसके अलावा, बैंकों में यूपीआई आईपीओ मैंडेट रद्द किए जाने की दर में भी बड़ी तेजी दर्ज की गई। एसबीआई ने 88.32 प्रतिशत की मंजूरी दर दर्ज की। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नैशनल बैंक, केनरा बैंक, और सेंट्रल बैंक जैसे अन्य पीएसबी ने 93.99 प्रतिशत, 90.71 प्रतिशत, 93.51 प्रतिशत, 86.60 प्रतिशत, 93.83 प्रतिशत की मंजूरी दर दर्ज की। निजी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में यदि इन आंकड़ों को बेहतर नहीं माना जा सकता तो, लगभग समान समझा जा सकता है।
रकम उगाही के संदर्भ में, अगस्त प्राथमिक बाजारों के लिए अच्छा महीना था, लेकिन जुलाई में निवेशकों में उत्साह सुस्त रहा था।
वाहन खरीदारी और बिक्री के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कार ट्रेड और सीमेंट निर्माता न्यूवोको विस्टा ने 5,000-5,000 करोड़ रुपये के आईपीओ पेश किए थे। उससे पूर्ववर्ती महीने में, 6 कंपनियों ने करीब 14,629 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई थी और ऑनलाइन फूड डिलिवरी यूनिकॉर्न जोमैटो ने 9,373 करोड़ रुपये जुटाए हैं। निवेश बैंकरों के अनुसार, वर्ष का शेष समय भी इस लिहाज से अच्छा नजर आ रहा है। आदित्य बिड़ला एमएफ, गो एयरलाइंस और विजया डायग्नोस्टिक्स द्वारा अपनी पेशकशों लाए जाने की संभावना है, वहीं पेटीएम, पॉलिसी बाजार, और नाइका भी वर्ष के आखिर में बाजार से पैसा जुटा सकती हैं।
